खंडवा जिले में स्वास्थ्य कार्यकर्ता को धमकाने वाले भाजपा मंडल अध्यक्ष और उसके भाई पर केस दर्ज
HighLights
- स्वास्थ्य केंद्र के अंदर घुसकर जान से मारने की धमकी दी।
- पहले भी फोन लगाकार धमकी दे चुका था नेता का भाई।
- कहता था- आप सभी को एक मिनट में यहां से हटवा दूंगा।
खंडवा, पुनासा(Khandwa News)। खंडवा जिले के नर्मदानगर उप स्वास्थ्य केंद्र पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता से अभद्रता और विवाद करने के मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने नर्मदा नगर के भाजपा मंडल अध्यक्ष राहुल यादव और उसके भाई रविंद्र यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
नर्मदा नगर थाने में गुरुवार को स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वस्थ कार्यकर्ता (एएनएम) सावित्री दुबे ने अपने साथ स्वास्थ्य केंद्र के अंदर घुसकर गाली-गलौज किए जाने और जान से मारने की धमकी की शिकायत की है।
एएनएम ने की शिकायत
एएनएम दुबे ने नर्मदा नगर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि वह हमेशा की तरह उप स्वास्थ्य केंद्र में अपनी ड्यूटी पर कार्य कर रही थी। तभी नर्मदा नगर का रविंद्र यादव उसकी पत्नी के साथ बच्चों को टीका लगाने के लिए आया। उस समय वह एक महिला को ड्रिप लगा रही थी।
उसके साथ केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों के सामने रविंद्र उसकी पत्नी की डिलिवरी के रुपए नहीं मिलने को लेकर विवाद करने लगा। डिलीवरी के रुपए बैंक के खाते में डालने के लिए धमकाने लगा। एएनएम ने उसे समझाया कि बकाया रुपयों की जानकारी अधिकारियों को भेज दी है।
डिलीवरी के रुपये मांगने की बात पर किया विवाद
पैसा मंजूर होने पर खाते में डाल देंगे। इतने में रविंद्र का भाई राहुल यादव भी वहां आ गया और दोनों ने डिलीवरी के रुपये नहीं डालने की बात पर उससे अभद्रता कर जान मारने की धमकी देने लगे।
राहुल ने इसके पहले भी महिला को मोबाइल पर धमकी दी थी कि ‘मेरे भाई के यहां डिलीवरी के पैसे अभी तक जमा नहीं किए है, यह ठीक नहीं है। मेरा भाई मंडल अध्यक्ष है आप सभी को यहां से एक मिनट में हटवा दूंगा।’
सरकारी कार्य में बाधा डाली
आरोपियों ने शासकीय कार्य में बाधा भी डाली। घटना के समय ड्यूटी स्टाफ भी मौजूद था। फरियादी एएनएम दुबे की शिकायत पर नर्मदा नगर थाने में भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष और भाई के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
विदित हो कि देश और प्रदेश में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बढ़ती अपराधी घटनाओं को देखते हुए न्यायालय व सरकार अस्पतालों में चाक चौबंद सुरक्षा प्रबंध कर रहा है। इसके बाद भी विवाद और प्रताड़ना के मामले नहीं थम रहे है।