जबलपुर के ‘नटवर लाल’, ने पुलिस वालों को भी नहीं छोड़ा…!
अधेड़ों को बनाते हैं निशाना, पैर छूकर कर लेते हैं ठगी।
अब आप भी सहायता मांगने और अजनबी को आशीर्वाद देने से पहले दो बार विचार करेंगे। मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर का है। दो युवक कई वर्षों से लोगों को चूना लगा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में शातिर अपराधियों ने हाथ में कोई पावउर लगा रखा था। कुछ देर बाद जब वृद्धा की दृष्टि स्पष्ट हुई, तो उसे अपने साथ हुई लूट का पता चला।
HIGHLIGHTS
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- सड़क पार कर रही वृद्धा को सहारा देकर ले उड़े चेन और पर्स।
- गढ़ा थाना क्षेत्र की घटना, पावडर लगाकर लूट को दिया अंजाम।
- दो पकड़ाए, अन्य फरार, तलाश में CCTV खंगाल ही पुलिस।
जबलपुर(Jabalpur Crime)। जबलपुर में ठगी का अनूठा तरीका सामने आया है। संस्कारधानी में चार युवकों ने बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया है। पांच वर्ष पहले ही दोस्त बने तब से अंजाम दे रहे हैं। हीरा लाल और पन्ना लाल को तो पुलिस ने दबोच लिया है, वहीं दो अभी भी फरार है, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। हीरा लाल और पन्ना लाल ने रांझी के आशाराम झा को निशाना बना रहे थे। अधिक उम्र के लोगों को ही नजर रखते हैं।
पुलिस वालों तक को नहीं छोड़ते हीरालाल-पन्नालाल
रांझी थाना क्षेत्र में पुलिस ने हीरालाल-पन्नालाल नाम के दो ठग पकड़े। ये इतने शातिर कि पुलिस वालों तक को ठगने से बाज नहीं आते। आमतौर पर बस स्टेंड, रेलवे स्टेंशन के पास घूमकर शिकार की तलाश करते हैं जो भी पैसा वाला दिखा उसके साथ ठगी करते हैं। पिछले दिनों 18 अगस्त को रांझी में आसाराम झा के साथ ठगी की वारदात की थी। जिसकी शिकायत रांझी थाने में हुई थी। पुलिस ने घटना के 6 दिन बाद ही दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
असली नाम अरुण जाट व मुन्ना शकील है
अरुण जाट (45) निवासी कंजर मोहल्ला और मुन्ना शकील (47) निवासी बाबा टोला दोनों दोस्त हैं। ये खुद को हीरालाल और पन्नालाल के नाम से बुलाते हैं पुलिस रिकार्ड में भी इनका नाम यहीं दर्ज है। पीड़ित आसाराम ने शिकायत में आरोप लगाया था कि वह 18 अगस्त को मजदूरों को पैसा देने जा रहा था।
आकर कहा कि दादा आपका आर्शीवाद लेना है
मस्ताना चौक के पास सड़क पर दोनों ठग मिले और सीधे आकर कहा कि दादा आपका आर्शीवाद लेना है एक ने झुककर पैर पड़े। मैं उसके झांसे में आ गया। आर्शीवाद देने लगा तभी दूसरा साथी सफाई से मेरा बैग लेकर फरार हो गया। बैग में 40 हजार रुपये रखे थे। कुछ पल में पैर पड़ने वाला भी गायब हाे गया। घटना की शिकायत रांझी थाने में की थी।
दोनों ने नहीं देखा स्कूल का मुंह, कई केस दर्ज
पुलिस के मुताबिक, अरुण जाट जबलपुर के कंजर मोहल्ला जबकि मुन्ना शकील मदर टेकरीका रहने वाला है। दोनों स्कूल तक नहीं गए। अरुण पहले जुआ खेलने और अवैध हथियार बेचने का काम करता था। पहली बार बेलबाग पुलिस ने 2012 में अवैध हथियार बेचने के मामले में उसे पकड़ा था। जब पुलिस बार-बार गिरफ्तार करने लगी तो उसने लोगों को ठगना शुरू कर दिया। इसके बाद से जैसे ही जेल से जमानत मिलती, वह फिर अपराध में जुट जाता।
अरुण जाट की जेल में हुई मुन्ना शकील से मुलाकात
2018 में ऐसे ही एक मामले में अरुण जाट जेल गया तो उसकी मुलाकात मुन्ना शकील से हुई। जल्दी ही दोनों के बीच दोस्ती गहरा गई। इसके बाद से दोनों जैसे ही जेल से बाहर निकलते तो मिलकर ठगी करते। अरुण और मुन्ना ने जबलपुर के कई थाना इलाकों में आशीर्वाद के नाम पर ठगी की है। पकड़े जाते तो साथ में जेल जाते हैं।
आरोपितों ने वद्धा के हाथ में कोई पावउर लगाया
गढ़ा थाना क्षेत्र में दो शातिर युवकों ने सड़क पार कर रही महिला को सहारा देने के बहाने उसका आभूषण, पर्स लूट लिया। फूल सागर निवासी लक्ष्मी बाई कोष्टा (68) 22 अगस्त की सायं पंडा की मढिया दर्शन करने जा रही थी। वृद्धा मढिया के पास पहुंची, तभी दो युवक आए। वृद्धा का हाथ पकड़कर उसे रास्ता पार कराने लगे। इसी दौरान शातिर आरोपितों ने वद्धा के हाथ में कोई पावउर लगा दिया।
दोनों ने सहायता की आड़ में हाथों की सफाई दिखाई
रास्ता पार होते ही वृद्धा ने हाथ आंख में लगाया तो उसे धुंधला दिखाई देने लगा। यह बात वृद्धा ने युवकों से बताई तो दोनों सहायता की आड़ में हाथों की सफाई दिखाई। वृद्धा के सोने के कंगन, चेन और पर्स लिया और फरार हो गए। कुछ देर बाद जब वृद्धा की दृष्टि स्पष्ट हुई तो उसे अपने साथ हुई लूट का पता चला। पुलिस आरोपितों को पकड़ने के लिए घटना स्थल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेेज जांच कर ही है।
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