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Sagar News: कोर्ट के आदेश की अवहेलना… आईएएस अधिकारी पर जुर्माना, जमानती वारंट भी जारी

मामला वर्ष 2016 का है। खिमलासा निवासी एक शख्‍स के आवास पर तत्कालीन एसडीएम आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे आदि ने कार्रवाई कर सामान जब्‍त किया था। इस आवास पर आधार कार्ड केंद्र का संचालन किया जाता था। मामले में पांच साल बाद कोर्ट का फैसला आया है।

HIGHLIGHTS

  1. न्‍यायालय की अवमानना का यह मामला मध्‍य प्रदेश के सागर जिले के बीना का है ।
  2. तहसीलदार और कम्प्यूटर आपरेटर के विरुद्ध भी जमानती वारंट जारी किया गया ।
  3. अभी इंदौर के वाणिज्यकर विभाग में अपर आयुक्त हैं आइएएस अधिकारी रजनी सिंह।
 सागर, बीना। न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर कोर्ट ने आईएएस अधिकारी रजनी सिंह पर एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इसके साथ ही रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिक बाघमारे एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया है।
यह है मामला
खिमलासा निवासी नंदकिशोर पटवा वर्ष 2016 में आचवल वार्ड में एक किराये के मकान में रहते थे। वह हिरनछिपा गांव में आधार कार्ड सेंटर चलाते थे। 23 जुलाई 2016 को तत्कालीन एसडीएम आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे और कम्प्यूटर आपरेटर जितेंद्र रैकवार पटवा के घर पहुंचे और घर में रखे कम्प्यूटर सहित अन्य सामान उठाकर तहसील ले गए।
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विरोध किया तो प्रकरण दर्ज कर लिया
इस कार्रवाई का नंदकिशोर ने विरोध किया तो उसके विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज करा दिया। साल 2018 में नंदकिशोर को तहसील कार्यालय से एक पत्र मिला, जिसमें जब्त सामग्री प्राप्त करने के लिए उसे निर्देशित किया गया।
नहीं दिया लैपटॉप
जब नंदकिशोर तहसील पहुंचे तो उन्हें एक आइरिश मशीन, फिंगर प्रिंट मशीन, वेब कैमरा प्रदान किया गया, लेकिन जो लैपटाॅप जब्त हुआ था वह नहीं दिया गया। पटवा ने जानकारी ली तो बताया गया कि लैपटाॅप नजारत शाखा में जमा ही नहीं हुआ है।
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सूचना के अध‍िकार के तहत मांगी जानकारी
नंदकिशोर ने 20 अप्रैल 2018 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो एसडीएम कार्यालय से बताया गया कि उपरोक्त संबंध में कोई रिकार्ड कार्यालय में नहीं है। इस पर पटवा ने 2 मई 2018 को परिवाद पत्र अधिवक्ता अमित सेन के माध्यम से न्यायालय में पेश किया, जिसमें तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका वाघमारे और कम्प्यूटर आपरेटर जितेंद्र रैकवार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी।
पांच साल तक चली सुनवाई
पांच साल चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने माना कि अधिकारियों ने वैधानिक कार्रवाई नहीं की और घर में घुसकर सामग्री जब्त की है, इसलिए रजनी सिंह, मोनिका वाघमारे और जितेंद्र रैकवार के विरुद्ध 451 और 380 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए।
पेश नहीं हुए कोर्ट में
कई आदेश के बाद भी जब तीनों न्यायालय में पेश नहीं हुए तो न्यायालय ने बीना थाना प्रभारी को 27 जुलाई 2024 के आदेश को तामील कर हलफनामा दाखिल करने और विपक्षी अधिकारी की 23 सितंबर 2024 को पेशी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि अभी रजनी सिंह इंदौर के वाणिज्यकर विभाग में अपर आयुक्त, मोनिका वाघमारे जबलपुर में तहसीलदार तो जितेद्र रैकवार चंदेरी में कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं।

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