डीजे की धुन में बार बालाएं बिखेर रही अपना जलवा…
राजधानी के टिटोस बार में मेट्रो सिटी कल्चर हो रहा हावी
रायपुर HCT : राजधानी में मेट्रो सिटी कल्चर हावी होता दिख रहा हैं जहां डीजे की तेज धुन में बार बालाएं अपना जलवा बिखेर रही हैं, और प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैं।
धरी की धरी रह गई जारी आदेश
जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो युद्ध स्तर पर उन्होंने बहुत कार्रवाई की कई आदेश जारी किये थे …
देर रात तक चलने वाले क्लब, बार और सड़क-हाइवे पर पार्टी व अड्डेबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों पर भी कड़ी कार्रवाई हुई, फैसला लिया गया की 11 बजे के बाद बार संचालित नहीं होंगे, और सभी एडीएम पुलिस अधिकारियों के साथ रात में गश्त करके कानून व्यवस्था भंग करने वालों पर कार्रवाई करेंगे इसी के साथ नशामुक्ति के लिए निजात अभियान की शुरुआत की गई लेकिन दिखाई पड़ता हैं की ऐसे अभियान और ऐसे आदेश चार दिन की चाँदनी की तर्ज पर चलते हैं और फिर शुरू हो जाती हैं; “अपराध की अंधेरी रात !”
बार ही नहीं मसाज सेंटरों में भी संचालित अवैध कारोबार
क्योंकि मामला सिर्फ बार का नहीं हैं राजधानी में कई ऐसे स्पा सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। जिनमें जिस्मफरोशी का व्यापार बेधड़क चल रहा हैं, और बात ऐसी भी नहीं की पुलिस को इसकी खबर नहीं क्योंकि अक्सर फिल्मों मे दिखाया जाता हैं कि, पुलिस के पास गुप्तचर या जो मुखबिर होते हैं क्या वे अभी छुट्टी पर हैं या उन्होंने भी सरकार के एकोनोमी बूस्टर का पैकेज ले रखा हैं ? और ऐसे ही किसी बार में बार बाला के नृत्य का आनंद ले रहे हैं…??
ऐसे मामलों पर कार्यवाही न होने की एक और वजह जो जान पड़ती हैं वो हैं रसूख ! अभी हाल ही की बात हैं। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट ने आदेश किया था लेकिन पुलिस उस पर लीपापोती करने मे लगी थी।
आरोपी के पद का भय हैं या लक्ष्मी जी की कृपा
इसका जवाब तो पुलिस खुद जानती हैं , क्योंकि जब बात आती हैं छोटे लोगों पर कार्रवाई की तो प्रशासन
इतनी फुर्ती से काम करता हैं मानो एक कार्रवाई के पीछे उन्हे कमीशन मिलती हो। लेकिन जब मामले हाई प्रोफ़ाइल होते हैं तो हाथ पर हाथ रखकर किया जाता हैं बस , इंतजार ! इस मामले को पुलिस कब संज्ञान मे लेती हैं और कब होती हैं इस पर कार्रवाई ये तो समय के गर्भ में हैं …