कियोस्क सेंटर के संचालक ने फर्जी एफडी बनाकर ठगे 44.70 लाख रुपये
अवाड़पुरा में रहने वाला शाहिद उर्फ मोनू खान सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का कियोस्क चलाता था जिसने 26 लोगों से 44.70 लाख रुपये लेकर गायब हो गया।

HighLights
- मामला कंपू क्षेत्र के अवाड़पुरा का है, परिवार भी गायब है आरोपित का
- सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का कियोस्क चलाता था आरोपित
ग्वालियर। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के नाम से फर्जी फिक्सड डिपाजिट का मामला सामने आया है। फर्जीवाड़ा करने वाला एक कियोस्क सेंटर संचालक है, जिसने करीब 26 लोगों से 44.70 लाख रुपये लिए।
रकम इकट्ठी करने के बाद 20 लाख में मकान बेचकर हुआ फरार
इतनी बड़ी रकम इकठ्ठी करने के बाद फर्जी एफडी थमाईं और रातोंरात 20 लाख रुपये में अपना मकान बेचकर पूरे परिवार के साथ फरार हो गया। यह घटना अवाड़पुरा क्षेत्र की है। कंपू थाना पुलिस ने लोगों की शिकायत पर एफआइआर दर्ज कर ली है। आरोपित की लोकेशन पुलिस ट्रैस कर रही है। फिलहाल वह बेसुराग है।
अवाड़पुरा में रहने वाला शाहिद उर्फ मोनू खान सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का कियोस्क चलाता था। करीब सात साल से वह कियोस्क सेंटर चला रहा था। लोग उसके पास बैंक से संबंधित काम कराने के लिए आते थे।
उसने पिछले साल जुलाई माह में लोगों को बताया कि सेंट्रल बैंक सीधे एफडी कर रही है। कियोस्क से एफडी कराने पर 10 प्रतिशत से ज्यादा का ब्याज मिलेगा। लोग झांसे में आ गए। लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई उसे दी और ज्यादा ब्याज के चक्कर में एफडी कराना शुरू कर दी।
26 लोगों से 44.70 लाख रुपये लेकर गायब
26 लोगों से उसने 44.70 लाख रुपये ले लिए। यहां रहने वाले इम्तियाज हुसैन को रुपये की जरूरत थी। जब वह एफडी तुड़वाकर रकम लेने के लिए बैंक पहुंचा तो बैंक वालों ने कहा- यह एफडी सेंट्रल बैंक की नहीं है। इस पर वह घबरा गया और सीधे शाहिद के पास पहुंचा।शाहिद ने कहा कि वह 15 दिन में रुपये दिला देगा। इसके बाद तो कियोस्क बंद रहने लगा। फिर अचानक वह पूरे परिवार के साथ गायब हो गया। जब मकान पर ताला डला दिखा तो लोगों ने पड़ताल की। इसमें सामने आया कि वह मकान भी बेच गया है। यह मकान उसके पिता के नाम पर था। इसके बाद लोग कंपू थाने शिकायत लेकर पहुंचे। पुलिस ने जांच के बाद एफआइआर दर्ज की।
झांसे में न आएं…खाते से ही पैसे जमा होने के बाद होती है एफडी
बैंक प्रबंधन से पुलिस ने जब जानकारी ली तो बताया गया कि इस तरह की एफडी जारी ही नहीं हुई। बैंक से एफडी तभी होती है, जब संबंधित बैंक में एफडी कराने वाले का खाता होगा। इसी पैसे से रकम एफडी के लिए ली जाती है। पहले चैक लिया जाता है, इसके बाद एफडी बनती है। सीधे एफडी का कोई प्रविधान ही नहीं है। लोगों को एक बार बैंक पहुंचकर संपर्क करना चाहिए था।