Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

Concern

सरल व सशक्त ब्यक्तित्व के धनी त्रिलोचन लहरे श्रद्धांजली विशेष।

चिट्ठी ना कोई सन्देश,
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए,
इस दिल पे लगा के ठेस
जाने वो कौन सा देश;
जहां तुम चले गए

रायगढ़। बचपन की कुछ यांदे आज भी मन को उमंगित करता है। बचपन में अक्सर पिता के पास रोकर किसी भी बात को मनवा लेना बड़ी बात नहीं होती है पर युवा अवस्था में पिता से कह पाना भी संभव नहीं होता है पर पिता पुत्र की वो सारी बातें समझ जाता है और वो सारी सुख सुविधा हर प्रयास देने की कोशिश करता है जो कर सके और पिता का फर्ज डटकर निभाता है यह बात किसी भी वर्ग में नहीं छिपा है।
अभी तो बस मैंने अपनी जवानी ही संभाली थी बचपन को थोड़ा भुला था ।कैसे लोग जिंदगी जीते हैं समझने का कोशिश कर रहा था ।आपकी कुछ यादें कुछ बातें कुछ जीवन के अनगढ़ लम्हे हृदय में आंसू की तरह भर रहे थे जो सुख गए।
जब से मैंने बचपन की यादें भूली आपको खेत – खलिहान घर दुवार, सामाजिक सरोकारों में संघर्ष करते पाया जब भी मैंने आपको देखा एक सशक्त रूप में पाया ।सुख हो या दुःख कभी आप पीछे नहीं हटे बस मुस्कुराकर अपनी मंजिल की ओर चलते रहे ।जब से आपने होंश संभाला घर की परिवार की समाज की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। आज आप जब कंधे से कंधा मिलाकर चलना था तो रुठ गए और ऐसे रूठे की आप ने कुछ नहीं कहा न मैंने आपसे अंतिम बार बात कर पाया कितना दुखद समय था एक पुत्र और पिता का अंतिम बात भी नहीं हो पाया। बाबू जी अभी मैं इतने सशक्त नहीं हो सका था और आप का जाना मेरे लिए और परिवार के लिए और समाज के लिए अपूर्णक्षति है।
चिट्ठी ना कोई सन्देश ,जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए, इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए….
बाबू जी आप का जन्म कोसीर नगर के सशक्त युवा वर्ग के प्रेरणा स्त्रोत दादा मुन्ना दास किसान के घर 01 जुलाई 1963 में हुआ था और परिवार में मंझला थे व परिवार में बड़े पुत्र आपके माता का नाम श्रीमति रामबाई था। आपका नाम त्रिलोचन आपके दादा पंचम दास ने रखा था ।बचपन से ही आप संघर्ष भरी जीवन में उतर गए। आपका शैक्षणिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक बालक कन्या शाला स्कुल में हुई और आप 6 वीं कक्षा तक ही पढ़ पाए। आप घर में बड़े थे तो आपके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी 16 वर्ष की ही उम्र में सौंप दिया गया और आप का विवाह जांजगीर जिला के ग्राम बघोद के कृषक परिवार 07 भाई के जोड़े के घर पोकराम बंजारे की मंझली पुत्री नीरा बाई से हो गई और पूरा परिवार का जिम्मा आप के कंधे पर टिक गया तब से आप घर परिवार और समाज के प्रति सजक्ता के साथ खड़े रहे ।
आप सरल सहज और मिलनसार रहे आपकी दोस्ती छोटे से लेकर बूढ़े वर्ग सभी से था आप का नाम गाँव में एक सरल ब्यक्तित्व और सशक्त कृषक के रूप में नाम लिया जाता है।
25 अक्टूबर का दिन परिवार और समाज के लिए काला दिन था जब आप अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और अचानक आपकी तबियत खराब हो गई और 29 अक्टूबर 2018 की रात 07 बजे रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में अंतिम साँसे लिए वह पल मेरे बहुत दुखद रहा 25 अक्टूबर के बाद से आप आँख नही खोले मैं कुछ न कह सका आप 56 वर्ष की अल्प आयु में ही हमसे रुठ गए।
आप मेरे और समाज के लिए हमेशा एक सशक्त ब्यक्तित्व के रूप में याद आते रहेंगे। बाबू जी आपको सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। सादर नमन
लक्ष्मी नारायण लहरे,*साहिल
युवा साहित्यकार पत्रकार
कोसीर सारंगढ़ जिला रायगढ़।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page