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Cyber Crime: सावधान! इन 15 तरीकों से आपकी जेब खाली कर सकते हैं साइबर स्कैमर

ऐसा नहीं है कि ठगी कम पढ़े-लिखे और सामान्य लोगों के साथ ही होती है, महेश थाहिरानी जैसे होटल व्यवसायी भी चार करोड़ 85 लाख रुपये गंवा चुके हैं। जनवरी से सितंबर तक 1519 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसमें 692 साइबर हेल्प लाइन और 827 एनसीआरपी पोर्टल पर की गई थीं।

HIGHLIGHTS

  1. शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं।
  2. डिजिटल अरेस्ट करके लाखों रुपये ठगने के केस भी बढ़ने लगे।
  3. अब तक 7.84 करोड़ रुपये फ्रीज करवाकर लोगों को लौटाए।

इंदौर(Cyber Crime)। मोबाइल-इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। छोटी-सी गलती उपभोक्ता को अपराधियों का शिकार बना देती है। ठग घर बैठे हर महीने करोड़ों रुपये ठग रहे हैं।

आप इन 15 तरीकों को जान लीजिए, जिनसे ठगी हो रही है। अपराध शाखा में पिछले नौ महीने में ही नौ हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। डॉक्टर, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, इंजीनियर, व्यवसायी और विज्ञानी तक ठगी का शिकार हुए हैं।

सबसे ज्यादा ठगी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर

एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक स्कैमर फोन काल, ई-मेल, एसएमएस के माध्यम से लोगों को निशाना बनाते हैं। सबसे ज्यादा ठगी इन्वेस्टमेंट और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर हो रही है। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में लोग आसानी से शिकार बन जाते हैं।

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कुछ मामलो में साइबर पुलिस राशि बचा लेती है

एडीसीपी के मुताबिक कुछ मामलों में तो साइबर पुलिस पीड़ितों की राशि बचा लेती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर कर ली जाती है।

डिजिटल अरेस्ट

स्कैमर ट्राई, सीबीआई, क्राइम ब्रांच, आरबीआई और ईडी अफसर बनकर काल करता है। उपभोक्ता को मानव तस्करी, ड्रग और फर्जी पासपोर्ट केस में गिरफ्तार करने की धमकी देता है।

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परिचित बनकर

ठग आनलाइन रुपये जमा करने का झांसा देता है। फर्जी एसएमएस भेजकर उपभोक्ता से स्वयं के खाते में रुपये जमा करवा लेता है।

क्रेडिट कार्ड

आरोपित कार्ड की डिटेल लेकर रुपये निकाल लेता है।

शासकीय योजना

गैस कनेक्शन, महिला संबंधित योजनाओं में लाभ का झांसा देकर एपीके फाइल के जरिए फोन हैक कर लेते हैं।

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गूगल से सर्च करने पर

गूगल पर ठग ने ग्राहक सेवा केंद्र के रूप में नंबर साझा कर रखे हैं। जरूरतमंद को मदद का झांसा देकर गोपनीय जानकारी ले लेते हैं।

आर्मी अफसर बनकर

स्कैमर फर्जी आर्मी अफसर बनकर फर्नीचर व इलेक्ट्रानिक सामान बेचने का झांसा देकर रुपये ले लेते हैं।

केवायसी का झांसा

ठग खाता अपडेट करने का झांसा देकर एप इंस्टल करवाकर फोन हैक कर लेते हैं।

सात करोड़ 28 लाख रुपये बचाए इस वर्ष

अपराध शाखा ने इस वर्ष साइबर अपराधियों के खातों से सात करोड़ 84 लाख रुपये फ्रीज करवाकर पीड़ितों को लौटाए हैं।

गत तीन साल में बचाए रुपये

  • 2021 में 1 करोड़ 37 लाख रुपये
  • 2022 में 3 करोड़ 92 लाख रुपये
  • 2023 में 4 करोड़ 32 लाख रुपये

यहां करें शिकायत

साइबर हेल्प लाइन – 7049124445

एनसीआरपी – 1930

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