Fake SBI Branch: नकली बैंक अधिकारी बनकर ठगी तो खूब सुनी होगी, यहां तो बैंक की ब्रांच ही नकली खोल दी
Fake SBI Branch: पुलिस की पूछताछ में ठगी के शिकार हुए लोगों ने बताया कि नौकरी के लिए उनके पास नियुक्ति पत्र है। उन्हें बैंक में कैसे काम करना है, यह सिखाने के लिए छपोरा के फर्जी ब्रांच में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि सभी नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। लेकिन बैंक का सेटअप बिल्कुल एबीआई की तरह बनाया गया था।
HIGHLIGHTS
- नौकरी का झांसा देकर नियुक्ति पत्र भी दिया गया।
- ट्रेनिंग के नाम पर फर्जी ब्रांच में भेज दिया गया।
- नौकरी के लिए ठग को पांच लाख रुपए दिए थे।
सक्ती(Fake SBI Branch)। छत्तीसगढ़ के मालखरौदा थाना क्षेत्र के ग्राम छपोरा में बीते दिनों एसबीआई की फर्जी ब्रांच खोलने का मामला सामने आया था। जांच के दौरान पता चला कि इस शाखा में किसी भी ग्रामीण के रुपये जमा नहीं किए जाते हैं। बेरोजगार युवकों को एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के लिए फर्जी ब्रांच खोली गई थी।
बेरोजगारों से लाखों रुपए लेकर मैनेजर, कैशियर, फाइनेंस एडवाइजर सहित गार्ड की नौकरी का झांसा देकर नियुक्ति पत्र भी दिया गया। इसके बाद ट्रेनिंग के नाम पर फर्जी ब्रांच में भेज दिया गया। बालोद और कबीरधाम सहित अन्य जिले के बेरोजगार युवा नौकरी लगने के नाम पर ठगी के शिकार हुए हैं।
मालखरौदा थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बताया कि बालौद जिले के विकास नाम का एक युवक भी ठगी का शिकार हुआ है। हालांकि युवक से कितनी राशि की ठगी हुई है, यह स्पष्ट नहीं है। वहीं कबीरधाम के एक युवक ने कैशियर की नौकरी के लिए ठग को पांच लाख रुपए दिए थे।
ठगे हुए 6 लोग बैठे थे बैंक में
पुलिस की जांच में पता चला है कि इस ब्रांच के खुलने की जानकारी एसबीआई के अधिकारियों को नहीं थी। किसी ने फर्जीवाड़ा की जानकारी दी तब एसबीआई प्रबंधन की ओर से मालखरौदा पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के पहुंचने के पहले ही कथित बैंक मैनेजर फरार हो गया था। छपोरा के एक मकान में बैंक शाखा बोर्ड लगा हुआ था। शाखा में ठगी के शिकार हुए छह कर्मचारी बस मौजूद थे।
मामले में पुलिस ने तीन नामजद सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ बीएनएस 3(5), 318(4), 336, 338, 340 के तहत अपरार्ध दर्ज किया है। मालखरौदा पुलिस ने रेखा साहू नाम की युवती व मनधीर व पंकज के नाम युवक के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि आरोपियों ने कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।