बलरामपुर के भूताही कैंप में सीएएफ जवान ने साथियों पर चलाई गोली, दो की मौत, दो घायल
बलरामपुर जिले में भूताही कैंप में छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स के जवानों के बीच फायरिंग हो गई। फायरिंग में दो जवानों की मौत हो गई वहीं दो जवान घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। यह पूरा मामला भूताही कैंप का है।
HIGHLIGHTS
- भूताही में कैंप की स्थापना पिछले वर्ष ही की गई है
- भूताही कैंप में शस्त्रबल के जवान ने की अंधाधुंध फायरिंग
- आखिरकार स्वयं जवान ने अपने ही सहयोगियों पर क्यों कि फायरिंग
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के भूताही कैंप में गुरुवार को छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के जवान ने साथी जवानों पर सर्विस इंसास राइफल से फायरिंग कर दी। गोली लगने से दो जवानों की मौत हो गई। दो जवान घायल हो गए। घायल जवानों को कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है। बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित भूताही में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल का कैंप है। कैंप में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 11 वीं बटालियन की कंपनी तैनात की गई है।
गुरुवार की सुबह सब कुछ सामान्य था।प्रतिदिन की तरह कैंप के अधिकारी-जवान अपने-अपने कार्यों में लगे थे। सुबह लगभग 11.30 बजे सीएएफ जवान अजय सिदार ने साथी जवानों पर इंसास सर्विस राइफल से फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए इस घटनाक्रम में अफरातफरी के बीच कुछ जवानों ने हिम्मत से काम लेते हुए अजय सिदार को कब्जे में कर लिया। तब तक एक जवान रूपेश पटेल की मौत हो चुकी थी। हवलदार अनुज शुक्ला के साथ आरक्षक संदीप पांडेय व राहुल सिंह गोली लगने से घायल हो चुके थे। तीनों घायल जवानों को तत्काल नजदीक के कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जा रहा था।
रास्ते में संदीप पांडेय ने भी दम तोड़ दिया। घायल अनुज शुक्ला को दोनों पैरों में गोली लगी है। एक अन्य आरक्षक राहुल सिंह भी घायल है। सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अंकित गर्ग ने बताया कि गोली चलाने वाले आरक्षक अजय सिद्धार्थ को पकड़ लिया गया है बलरामपुर पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल टीम के साथ घटनास्थल पहुंच चुके हैं। गोली चलाने वाले आरक्षक से पूछताछ की जा रही है।
अभी तक कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। नक्सली गतिविधियों पर रोकथाम के लिए सामरी थाना क्षेत्र के सबाग से लेकर चुनचुना पुंदाग तक तीन कैंप स्थापित हैं। बंदरचुआ, भूताही मोड और पुंदाग कैंप स्थापित करने के बाद से नक्सल गतिविधियों पर पूरी तरीके से रोक लग चुकी है। सबाग से चुनचुना – पुंदाग तक सड़क निर्माण का कार्य इन्हीं सुरक्षा बलों की उपस्थिति में कराया जा रहा है। मालूम हो के या इलाका झारखंड की सीमा से लगा हुआ है। इसी क्षेत्र से झारखंड का बूढ़ा पहाड़ लगा हुआ है जो कभी नक्सलियों की शरण स्थली हुआ करता था।