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20 से 35 साल के युवाओं में बढ़ रही इंजेक्शन से नशा करने की लत

इंजेक्शन से नशा करने वालों में 20 से 35 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है। एड्स नियंत्रण समिति भोपाल द्वारा संकल्प संस्थान को ऐसे लोगों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी दी गई है। अब तक शहर के विभिन्न स्थानों पर सर्वे कर इंजेक्शन से नशा वाले 300 लोग चिह्नित हो चुके हैं।

HIGHLIGHTS

  1. ग्वालियर में 300 चिह्नित, 80 ने कराया ओएसटी सेंटर में इलाज के लिए पंजीयन
  2. नशे के युवकों में आठ से नौ एड्स की चपेट में, चल रहा है इलाज
  3. बहोड़ापुर, कंपू क्षेत्र के लोग अब तक सेंटर तक नहीं पहुंचे हैं

 ग्वालियर: एक सीरिंज, कई नशेड़ी, नतीजा एचआइवी..। जिले के पहले ओपिआयड सब्स्टीट्यूशन थैरेपी सेंटर में पंजीकृत आठ से नौ नशेड़ी इसी वजह से एचआइवी एड्स की चपेट में आ चुके हैं, क्योंकि इंजेक्शन से नशा करने की लत थी। इनसे काउंसलरों ने जब पूछताछ की तो यह हकीकत सामने आई कि एक सीरिंज से कई युवा एक साथ नसों में नशे का जहर घोलते रहे हैं।

इंजेक्शन से नशा करने वालों में 20 से 35 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है। एड्स नियंत्रण समिति भोपाल द्वारा संकल्प संस्थान को ऐसे लोगों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी दी गई है। अब तक शहर के विभिन्न स्थानों पर सर्वे कर इंजेक्शन से नशा वाले 300 लोग चिह्नित हो चुके हैं। इनमें से हजीरा सिविल अस्पताल में अक्टूबर में शुरू हुए ओपिआयड सब्स्टीट्यूशन थैरेपी सेंटर में इलाज के लिए 80 ने पंजीयन कराया है।

इन क्षेत्रों में ज्यादा नशा

  • इंजेक्शन से नशा करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या हजीरा, बहोड़ापुर, कंपू क्षेत्र में है। इन क्षेत्रों से चिह्नित लोगों में से ओएसटी सेंटर पर हजीरा क्षेत्र के लोग ही इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। बहोड़ापुर, कंपू क्षेत्र के लोग अब तक सेंटर तक नहीं पहुंचे हैं।
  • एक ही इंजेक्शन से नशा करने के कारण एचआइवी की चपेट में सात से आठ युवाओं की मौत हो चुकी हैं। इसे रोकने के लिए मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति सर्वे कराकर लोगों को चिह्नित करा रही है।

इंजेक्शन से नशा करने वाले लोगों को चिह्नित कर ओएसटी सेंटर तक पहुंचाकर नशे की लत से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

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