Indore Crime: गिरोह बनाकर इंदौर-हरदा में की चोरी, पहली बार संगठित अपराध में पकड़ाए बदमाश
गिरोह बनाकर इंदौर-हरदा में की चोरी करते थे बदमाश। पुलिस ने पहली बार संगठित अपराध में पकड़े गए इन बदमाश पर अपना शिकंजा कसा। आप को बता दें कि पुलिस ने दस साल का रिकॉर्ड निकाल कर बीएनएस की धाराओं में ली बाग-टांडा के बदमाशों को गिरफ्तार किया।
HIGHLIGHTS
- पहली बार संगठित अपराध में पकड़ाए चोर
- चोरी करने हरदा से इंदौर आता थे बदमाशों
- तेजाजीनगर थाना क्षेत्र में चोरी की वारदात कबूली
इंदौर। चोरी-डकैती करने वाले बाग-टांडा के बदमाशों की पहली बार संगठित अपराध की धारा में गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने पिछले दस वर्षों का रिकॉर्ड निकाल कर बीएनएस की धारा 111 एंव 112 के तहत कार्रवाई की है।यह गिरोह इंदौर-हरदा,खरगोन,टांडा,खंडवा,धार और देवास में कई वारदाते कर चुका है।
डीसीपी जोन-1 विनोद कुमार मीना के मुताबिक आरोपित पानसिंह चौहान निवासी भगोली टांडा,अंबाराम उर्फ अंबू भूरिया निवासी गातला टांडा और दीपेश उर्फ दीपेंद्र मोहनिया निवासी सेवड़ा आलिराजपुर है। पानसिंह पर आठ,दीपेश पर 9 और 10 आपराधिक प्रकरण दर्ज है। आरोपितों ने राजेंद्रनगर और तेजाजीनगर थाना क्षेत्र में चोरी की वारदात कबूली है।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया गिरोह के सदस्य एक साथ चोरी और लूट करते है।उनके गिरोह में सोना-चांदी के आभूषण खरीदने वाले सुनार,जमानत करवाने वाले दलाल और मददगार भी शामिल है।पुलिस ने तीनों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 111 और 112 के तहत कार्रवाई की जो संभवत:प्रदेश में पहली बार कार्रवाई हुई है।
दस साल की आपराधिक कुंडली निकाल कर लगाई धारा
डीसीपी के मुताबिक बीएनएस में संगठित गिरोह पर कार्रवाई करने का प्रावधान है। ऐसे बदमाश जिनके विरुद्ध पिछले दस साल में एक भी चार्जशीट दाखिल हुई हो और उसमें तीन साल से अधिक की सजा का प्रावधान हो। ऐसे बदमाशों के विरुद्ध संगठित धारा के तहत केस दर्ज होता है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी करेगी।