कामरेड अब्दुल सलाम नही रहे…
गरियाबंद। जिले के वरिष्ठ वामपंथी नेता कामरेड अब्दुल सलाम का गुरुवार 21 मई को इंतकाल हो गया है। अविभाजित मध्यप्रदेश शासन काल में नगर के इस क्रांतिकारी नेता ने गरियाबंद अंचल में शोषण के विरुद्ध लगातार आवाज बुलंद की थी।
भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद की क्रांतिकारी विचारधारा के समर्थक अब्दुल सलाम ने दुर्गा कालेज से पोलिटिकल साइंस में एमए किया था। कार्लमार्क्स और लेनिन से प्रेरित अब्दुल सलाम ने 1974 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की सदस्यता ली , 1975 में इनके नेतृत्व में मैनपुर में एक विशाल आम सभा आयोजित की गई थी जिसमे क्षेत्र के करीब 20 हजार नागरिक सम्मिलित हुये थे। इस आम सभा में सुधीर मुखर्जी और सी राजेश्वर ने भी अपनी उपस्थित दी थी।
अब्दुल सलाम के करीब मित्र और रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ सोम गोस्वामी के अनुसार 1982 में इन्हें रायपुर जिला कम्युनिस्ट पार्टी का जिला सचिव नियुक्त किया गया था। इनके निधन पर प्रो. डॉ. सोम गोस्वामी, भाकपा (माले) रेड स्टार के राज्य सचिव कामरेड सौरा यादव, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही, उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, आदिवासी भारत महासभा के अध्यक्ष कॉमरेड भोजलाल नेताम, हाईवे क्राइम टाइम के सम्पादक दिनेश सोनी,
एवं जिले के वरिष्ठ पत्रकार किरीट ठक्कर ने उन्हें क्रांतिकारी सलाम भेंट किया है, साथ ही उनके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। अब्दुल सलाम अपने पीछे एक पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु व पोता छोड़ गये है।