टीआर एन के वादाखिलाफी को लेकर ग्रामीणों में फूटा गुस्सा।
HCT:घरघोड़ा।टीआर एन पावर प्लांट द्वारा रायगढ़ जिले के घरघोड़ा ब्लॉक के भेंगारी ग्राम में लगा पावर प्लांट जो कि हाल ही में 600 मेगावाट पावर के विद्युत उत्पादन कर जिले को प्रदेश को व अन्य प्रदेश को विद्युत आपूर्ति कर रही हैं। वहीं प्लांट की स्थापना से पूर्व यहां के ग्रामीणों का जमीन कंपनी प्रबंधन द्वारा अनुबंध में लीज में, खरीदीकर, जोर-जबर्दस्ती कर हर संभव प्रयास कर किसानों से लिया गया।
वहीं इस जमीन के एवज में ग्रामीणों को कई लोक लुभावने वादे तक का डाले किंतु जहां कंपनी का स्वार्थ सिद्ध हुआ कि पीछे मुड़कर देखना मानो कंपनी भूल ही गई है।वही किसान ग्रामीण जन आज भी यही आस लगाए बैठे हैं कि हम ग्रामीणों को तैयार यह कंपनी रोजगार मुहैया कराएगी। किंतु कंपनी प्रबंधन को इससे कोई सरोकार नहीं वह अपने में मस्त होकर खाली यहां के भोले भाले जनता को झूठे आश्वासन देकर उनके जमीन पर अधिपत्य कर प्लांट का संचालन कर रहा है। इतना ही नहीं कुछ ग्रामीण ठेकेदार, माल सप्लायरओ से लीगल, अनलीगल अनुबंध करा कर उनसे काम लेकर उनका भी भुगतान करने से टीआर एन प्रबंधन मुकरता सा नजर आ रहा है। जिसे लेकर हाल ही में ग्रामीण ठेकेदार माल सप्लायर व जमीन मालिकों ने मिलकर 29 अप्रेल 19 को स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व संबंधित थाना प्रभारी घरघोड़ा को लिखित सूचना देकर तीन दिवस के अंतराल में अपनी मांगों पूरी कराने की बात अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के माध्यम से प्रबंधन को कही गयी। किंतु प्रबंधन ने ठेकेदार सप्लायर व संबंधित भूस्वामियों से एक संयुक्त बैठक कर सभी के बकाया रकम कुछ दिनों के बाद प्रदान करने की बात कही गई। वहीं समय बीत जाने के बावजूद आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार का कोई फूटी कौड़ी टी आर एन प्रबंधन द्वारा नहीं दिया गया जिसे लेकर ठेकेदार, सप्लायर व ग्रामीणों ने मिलकर जिला मुख्यालय के मुखिया व जिला पुलिस अधीक्षक के पास अपनी गुहार लगाई वह 1 सप्ताह के दरमियान अगर टीआर एन प्रबंधन द्वारा सभी का राशि भुगतान कराने का गुहार लगाई अगर प्रबंधन द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो आने वाले 1 जून 2019 को टीआर एन मुख्य मुख्य गेट पर ठेकेदार, सप्लायर व भूमि स्वामियों के बकाया रकम के साथ ही साथ ग्रमीणों से की गई रोजगार मुहैया कराने के वादा पूरा नहीं करने पर धरना प्रदर्शन कर टी आर एन के मुख्य गेट बंद कर कार्य में अवरोध उत्पन्न कर अपनी मांगों को रखने की बात ठेकेदार, सप्लायर व ग्रामीणों द्वारा कही गई।