सरायपाली में सरपंचों का उग्र प्रदर्शन: छह माह से रुका 15वां वित्त, मानदेय बढ़ाने की भी मांग
जनपद पंचायत सरायपाली में 107 सरपंचों की सामूहिक आवाज — अधूरी नल-जल योजनाओं से जनता परेशान, ठेकेदारों के दबदबे पर उठे सवाल

महासमुंद। जनपद पंचायत सरायपाली की सरपंच संघ की एक अहम बैठक आज नई मंडी प्रांगण सरायपाली में आयोजित की गई।
बैठक में सरायपाली ब्लॉक की सभी 107 पंचायतों के सरपंच मौजूद रहे। सामूहिक रूप से सरपंचों ने पंचायत व्यवस्था की जमीनी हकीकत सामने रखी और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
छह महीने से अटका 15वां वित्त, अधूरी पड़ी योजनाएं
बैठक में सबसे बड़ी चिंता इस बात की रही कि पिछले छह महीनों से 15वें वित्त का पैसा जारी नहीं हुआ है, जबकि अब तक 16वें वित्त का वितरण होना चाहिए था।
सरपंचों का कहना है कि फंड न मिलने से कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नल-जल योजना प्रमुख है।
अधिकांश गांवों में पेयजल संकट गंभीर हो चुका है, और सरपंच खुद अपनी जेब से खर्च करके अस्थायी समाधान कर रहे हैं।
यह स्थिति पंचायत प्रणाली की स्वायत्तता और सम्मान दोनों पर सवाल उठाती है।
मानदेय बढ़ाने की मांग – “अब 10 हजार से कम नहीं”
सरपंच संघ ने अपने मानदेय को वर्तमान व्यवस्था से बढ़ाने की पुरजोर मांग रखी।
उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के दौरान सरपंचों का मानदेय बढ़ाया गया था, पर अब भाजपा सरकार से उन्हें और भी ठोस कदमों की उम्मीद है।
सभी की सामूहिक राय थी कि सरपंचों को कम से कम ₹10,000 मासिक मानदेय दिया जाए, ताकि वे स्वतंत्र रूप से ग्राम पंचायत की जिम्मेदारियां निभा सकें।
ठेकेदारों और नेताओं के हस्तक्षेप से नाराजगी
सरपंचों ने पंचायत कार्यों में ठेकेदारों और राजनीतिक हस्तक्षेप पर भी तीखी नाराजगी जताई।
उनका कहना था कि वर्तमान में अधिकांश निर्माण और विकास कार्य सीधे नेताओं व विभागीय अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से कराए जा रहे हैं, जबकि पंचायत प्रतिनिधियों को दरकिनार किया जा रहा है।
कई सरपंचों ने दबे स्वर में कहा कि इस व्यवस्था से वे भय और अपमान के माहौल में काम कर रहे हैं, जिसके चलते पंचायतों में कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता दोनों प्रभावित हो रही हैं।
राशन कार्ड और पेंशन पोर्टल खोलने की मांग
बैठक में सामाजिक योजनाओं के स्थगन पर भी चर्चा हुई।
सरपंचों ने कहा कि राशन कार्ड और पेंशन योजनाओं के पोर्टल लंबे समय से बंद हैं, जिससे पात्र हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पा रहा।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से जल्द ये पोर्टल खोले जाएं ताकि गरीब और जरूरतमंदों को समय पर सहायता मिल सके।
एकजुटता का प्रदर्शन, सरकार से त्वरित समाधान की मांग
बैठक के अंत में सभी सरपंचों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, वे शांत नहीं बैठेंगे।
उन्होंने शासन से फंड रिलीज, मानदेय वृद्धि, ठेकेदार नीति में सुधार और सामाजिक योजनाओं की बहाली की मांग की।
सरपंच संघ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को जिला स्तर तक ले जाएंगे।
