किसानों की कर्जदारी पर नेशनल ब्यूरो ऑफ इंडिया का सर्वे बताता है कि; मध्यप्रदेश में इस समय सीमांत व छोटे किसान मिलाकर कुल 85 लाख काश्तकार हैं।
इसमें से करीब 50 लाख किसान 60 हजार करोड़ कर्जे के बोझ तले दबे हुए हैं। (इंटरनेट पर ये आंकड़े है किसानों के बारे में उपलब्ध हैं।) लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा ऐसे समाचार मीडिया में आ रहे।
इसका मतलब साफ है जो “पात्र” शब्द है, आज के कर्ज माफी के आदेश में उसमे सिर्फ सीमांत किसानों का कर्ज माफ होगा ।
अल्पकालीन फसल ऋण याने KCC। अब 1 हेक्टेयर याने 2.5 एकड़ तक वाले किसान का कर्ज माफ होने की सम्भवना है। अब सोचिए कि कौन सा बैंक 2.5 एकड़ वाले को 2 लाख की KCC देता है ? बिना ऐरिगेटेड किसान को बमुशिकल 15 हजार रुपये एकड़ के हिसाब से कर्ज मिलता है यानी ज्यादा से ज्यादा 40 हजार का KCC और ऐरिगेटेड में 40 हजार तक का KCC बनता है, यानी एक लाख तक का कर्ज।
तो 2 लाख का कर्ज तो होता ही नही, क्योकि इतनी KCC बनती नही सीमांत किसान की।
ऐसे में आदेश में “पात्र” शब्द फिलहाल झोलझाल वाला दिख रहा। यदि ऐसा रहा तो ज्यादातर किसानों के साथ ये बहुत बड़ा मजाक ही सिद्ध होगा…
*रणजीत भोंसले।