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“बिलासपुर” अब प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा “महानगर”।
रायपुर। अब बिलासपुर, प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा नगर निगम हो गया है। पन्द्रह दिन पहले राज्य शासन ने प्रकाशन कर दावा आपत्ति मंगाया था, जिसकी समय सीमा खत्म होने के बाद राज्य सरकार ने दावा आपत्ती का अवलोकन के बाद निगम में शहर से लगे 18 गांवों को जोड़ दिया है। कांंग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने बताया कि अब जल्द ही बिलासपुर को महानगर का दर्जा हासिल हो जाएगा। साथ ही शहर से लगे गांवों और निगम सीमा के अन्दर हो गए गांवों को तेजी से विकास होगा। भूपेश सरकार ने बिलासपुर को महानगर का दर्जा देकर अपने वादों को पूरा किया है।
राज्य शासन के राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही नगर निगम की सीमा का विस्तार कर दिया गया है। विस्तार के साथ ही पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका का अधिकार तत्काल प्रभाव से शून्य हो गया है।
ग्राम सचिवो और सरपंच के सारे अधिकार समााप्त हो गए है।
इन नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है।
नगर और सामान्य प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि नगर निगम सीमा उन सभी गांवों और नगर पंचायत, नगर पालिका को शामिल किया है जिनका पन्द्रह दिन पहले राजपत्र में प्रकाशन किया गया था। नगर पालिका तिफरा, नगर पंचायत सिरगिट्टी, नगर पंचायत सकरी, मगला ग्राम पंचायत, उस्लापुर ग्राम पंचायत, परसदा, अमेरी, घुरू, दो मुहानी, देवरीखुर्द, मोपका, चिल्हाटी, लिंगियाडीह, बहतराई, बिजौर, बिरकोना, खमतराई, कोनी और बहतराई को निगम में शामिल किया गया है।
पंचायत खत्म…अधिकार शून्य
नगर निगम सीमा विस्तार घोषणा के बाद ही नगर पंचायत, नगर पालिका और ग्राम पंचायतों का अधिकार शून्य हो गया है। एक आलाधिकारी ने बताया कि निगम में शामिल होने के बाद शामिल होने वाले निकायों का अधिकारी अपास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही निगम सीमा का काम शुरू हो गया है। खासकर सरपंच और सचिवों का बस्ता इसके साथ ही बन्द हो गया है। नगर पालिका और नगर पंचायतों के कर्मचारियों को निगम में संविलियन किया जाएगा। काम तेजी से होगा।
