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Chhattisgarh

धान चोरी के आरोप में फंसे सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक और कम्प्यूटर आपेटर।

विनोद नेताम
(संवाददाता)

बालोद। जिला के धान खरीदी केंद्र सेवा सहकारी समिति कवंर के उपकेन्द्र फागुन्दाह में पदस्थ कम्प्यूटर आपेटर; शेखर साहू के द्वारा उपकेंद्र में रखे गए धान के बोरियों (कट्टा) में से 100 बोरी (कट्टा) धान अपने घर ले जाने की बात को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज किया है। उन्होंने सेवा सहकारी समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों के ऊपर धान खरीदी के दौरान वृहद पैमाने पर भ्रष्टाचार करके मोटी कमाई करने का आरोप लगाया गया है। किसानों ने जिला प्रशासन से उपरोक्त मामले में निष्पक्ष जाँच कर दोषियों को कानून सम्मत सजा दिए जाने की मांग की गई हैं ऐसा नहीं किए जाने पर उनके द्वारा उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी भी दी गई हैं।

उपकेंद्र फागुन्दाह में गड़बड़ी की बात उजागर होते ही खाद्य निरीक्षक और नयाब तहसीलदार, गुरूर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जाँच कार्रवाई को अंजाम दिया जिसके तहत जांच के दौरान 99 कट्टा धान की अफरा-तफरी सामने आई जिसे जप्त कर लिया गया है।

फागुन्दाह स्थित सेवा सहकारी समिति, कवंर का यह उपकेंद्र अपनी कारगुज़ारियों के चलते पहले ही कुख्यात है। ज्ञात हो कि समिति में विगत वर्ष भी धान खरीदी के समय 1200 कट्टा धान की हेरा-फेरी किए जाने की बात सामने आने पर जांच की खानापूर्ति की गई थी। अब आपको बता दें कि वर्तमान दिवस में की गई जाँच भी संदेह के दायरे में है। कारण कि, भौतिक सत्यापन में जिन बातों का समवेश है उसमें अंकित कथन मेल नहीं करते वह इस तरह कि समिति प्रबंधक बी.आर. शांडिल्य के कथनानुसार “कम्प्यूटर आपेटर के द्वारा अपना खुद के धान को उपकेंद्र में रखें जाने की बात कही गई है। वहीं कम्पुटर आपेटर शेखर साहू के कथनानुसार अपने घर के मोटा धान के बदले पतला धान को उपकेंद्र से ले जाने की बात कही है।” उपकेंद्र फागुन्दाह के भौतिक सत्यापन रिपोर्ट में वर्तमान स्थिति के दौरान 379.60 क्विंटल धान कट्टा में 447 नग की मौजूदगी दर्शायी गई है, जिसमें से 100 कट्टा धान का परिवहन कर या कथित रूप से चोरी कर अपने घर ले जाया गया है।

खाद्य अधिकारी हेमा नाग के द्वारा उपकेंद्र में रखें धान की सभी कट्टा की गणना करवाई गई तो 447 कट्टा के बदले 487 कट्टा पाया गया, जिसमें 100 कट्टा भी शामिल है। समिति प्रबंधक के साथ समिति से जुड़े सदस्यों के इन सारी दलीलों की पोल किसानों के समक्ष खुलने के बाद सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक और कर्मचारी से लेकर नोडल अधिकारी के भौतिक सत्यापन पर सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि जिस तरह के बातों को इनके द्वारा जांच के कथन में शामिल किया गया है वह किसी के गले नहीं उतर रही है इन्हीं बातों को समझकर जांच अधिकारियों के सामने ही मौके पर उपस्थित किसानों ने जमकर विरोध प्रर्दशन किया।

किसानो ने नयाब तहसीलदार नीलकंठ जनबंधु एवं जांच अधिकारियों के रवैए पर सवाल उठाए हैं। सवालों के मुताबिक कम्प्यूटर आपेटर शेखर साहू अपने धान को सेवा सहकारी समिति में कब लाया इसका टोकन कहाँ है और कब / किस दिनांक का है ? बैगर टोकन के किसानों का धान समिति के द्वारा कब-कब खरीदा गया ? शेखर साहू को किसने अपना धान बदलने की अनुमति दिया ? क्या इस तरह से धान की अदला-बदली उचित है ? 379.60 क्विंटल और 447 कट्टे की उपलब्धता दर्शायी गई है, जबकि उपकेंद्र में पाई गई 487 कट्टे धान की बोरीयो का औसत वजन मात्र 34 किलो प्रति बोरी है। भौतिक सत्यापनकर्ता; नोडल अधिकारी थनेश्वर मरकाम ने अंदाजा लगाकर भौतिक सत्यापन करना स्वीकार किया है ! साथ ही भौतिक सत्यापन से लेकर जिला प्रशासन को समिति के द्वारा दी गई सूचना में 100 बोरी; जो चोरी कर हजम किए जाने की बात कही जा रही है, उसकी एंट्री कहीं दर्शायी नहीं गई है।

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