Chhattisgarh
19-करोड़ 58-लाख की जल आवर्धन-योजना आने के बाद भी कोटा नगर पंचायत के वार्डवासी प्यासे।
गर्मी के शुरुआत में ही पानी को लेकर वार्डों में मचा हाहाकार, आचार-संहिता के बहाने अधिकारी-कर्मचारी बेपरवाह !
वार्ड नंबर 11 के नलों में आता है,,नाली का पानी डायरिया फैलने की संभावना शिकायत के बाद भी नहीं होती सुनवाई।
सत्ता-पक्ष और विपक्ष द्वारा आरोप-प्रत्यारोप-दोषारोपण जारी, आम जनता हलाकान।
*अंकित सोनी
करगीरोड (कोटा/बिलासपुर)। मार्च का महीना खत्म होने को है, अभी अप्रैल और मई के गर्मी का महीना बाकी है, गर्मी से पहले ही कोटा नगर पंचायत के सभी वार्डों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, मुख्य नगर-पंचायत-अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष समेत वार्ड पार्षद सब के सब कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। वार्ड नंबर 07 बाजारपारा जहां से कोटा नगर पंचायत के आधे से ज्यादा वार्डों की प्यास बुझती है, उस वार्ड के वार्डवासी प्यासे हैं, पूरे वार्ड में 9 से 10 पानी के लिए बोर कराए गए हैं, कुछ पार्षद मद से कुछ एल्डरमैन मद से व कुछ शासकीय मद से उसके बावजूद भी वार्ड में पानी की दिक्कत हो रही है, कुछ बोर के ऊपर बोरा ढक दिया गया है ताकि लोगों की नजर ना पड़े आए दिन पंप खराब होते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन जलस्तर नीचे जा रहा है, कुछ हैंडपंप भी है, जो कि सालों से बंद पड़े हुए हैं। अगर नगर पंचायत अधिकारी व जनप्रतिनिधि चाहे तो कम पैसों में हैंडपंपों में मोटर डालकर उसे चालू किया जा सकता है, पर नहीं उन्हें तो नया बोर कराना है, शासकीय राशि का दुरुपयोग अगर देखना हो नगर पंचायत कोटा आकर देखें।
वार्ड नंबर-07 बाजारपारा में अग्रहरी-भवन के सामने एल्डरमैन मद से एक बोर कराया गया है, जो कि अभी भी जस का तस पड़ा हुआ है कुछ दिन पहले मिशन कंपाउंड में एक नया बोर हुआ उससे पहले बाजार के पास नया बोर हुआ, कुल मिलाकर शासकीय राशि का दुरुपयोग ही किया जा रहा है, पहले के जो बोर हुए हैं, जिन पर बोरा ढक कर रखा गया है, अगर अधिकारी चाहे तो उसी बोर पर संत डालकर चालू कर सकते हैं पर इस और ना ही नगर पंचायत अधिकारी का ध्यान गया, ना ही जनप्रतिनिधियों का सामने लोकसभा का चुनाव है, 23 अप्रैल को मतदान होना है, सभी पर चुनावी बुखार दिखाई पड़ रहा है, सत्ताधारी दल कांग्रेस और भाजपा के नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, पर जिस जनता के वोट देने के लिए यह पूरा तामझाम किया जा रहा है,वही वोट देने वाली जनता की समस्याओ पर ध्यान देने वाला कोई नहीं, ना ही सत्ता-पक्ष और ना ही विपक्ष के द्वारा,उसके अलावा पानी की किल्लत की समस्या केवल एक वार्ड कि नहीं वार्ड नंबर 1 वार्ड नंबर 10 सहित और भी ऐसे बहुत सारे वार्ड हैं जहां पर फायर-ब्रिगेड के वाहन से पानी पहुंचाया जा रहा है, यूं तो फायर-ब्रिगेड आग बुझाने का काम करता है, पर कोटा नगर-पंचायत का फायर-ब्रिगेड इस समय आग बुझाने का काम कम वार्डों में लोगो की प्यास बुझाने का काम कर रहा है, नगर-पंचायत में पानी के टैंकर अपनी जगह में यथावत खड़े हुए है। पानी टैंकर ले जाने के लिए ट्रैक्टर के इंजन में डीजल की कमी बताई जा रही है, कुल मिलाकर वर्तमान नगर पंचायत कोटा में अंधेर नगरी चौपट राजा का साम्राज्य दिखाई पड़ता है केबल राजा ही सुखी दिखाई पड़ रहे हैं, प्रजा का हाल बदहाल है-बेहाल है, बस नगर पंचायत कोटा की प्रजा इमानदारी से नगर पंचायत कोटा को टैक्स देती रहे।
पिछली सरकार के समय जल आवर्धन-योजना के तहत पानी की समस्या दूर होने की बात कही गई थी, जिसमें की इस योजना के तहत करोड़ों रुपए नगर-पंचायत कोटा को प्रदान किए गए थे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की उपस्थिति में पिछले सूबे के मुखिया द्वारा के घोषणा के अनुसार जिसे नगर पंचायत अध्यक्ष कोटा द्वारा ज्ञापित किया गया था, उस जल-आवर्धन योजना का आगे क्या हुआ ? इसका भी कुछ अता-पता नहीं है। सरकार बदलने के बाद नई सरकार विराजमान होते ही ऐसा लगा कि कोटा का दुर्भाग्य बदलेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। 2018 के कोटा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विधायक नहीं बना विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की विधायिका रही डॉ. रेणु-जोगी चुनाव से पहले जनता-जोगी-कांग्रेस जॉइन कर ली, आज कोटा विधानसभा में कांग्रेस का विधायक नहीं है। जोगी-कांग्रेस की विधायिका है। सांसद हमेशा से बीजेपी का रहा इस बार वर्तमान सांसद की भले ही टिकट कट गई है पर उनका भी नगर पंचायत कोटा में केवल व केवल एक पानी का टैंकर प्रदान किया हुआ दिखाई पड़ता है जो की अक्सर नगर-पंचायत कोटा के कार्यालय में खड़े होकर नगर पंचायत की शोभा बढ़ा रहा है। पानी को लेकर वार्ड में जो बोर कराए जाते है, उस बोर करने वाले से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो उनके द्वारा कहना था, कि पिछले और अभी के समय में लगभग कोटा नगर पंचायत के वार्डों में 10 लाख की राशि से बोर कराया जा चुका है। बोर करने से पहले टेंडर प्रक्रिया की जाती है, इस दौरान लगभग 100 मीटर तक बोर करने की अनुमति रहती है और वर्तमान में जल स्तर नीचे जाने से लगभग 300 से 400 फीट से पहले पानी नहीं मिल पाता है। एक बार के बोर करने में लगभग 78 से 80 हजार रुपए का खर्च आता है।
वार्ड में हो रही पानी की किल्लत को देखते हुए जब इस बारे में नगर-पंचायत अधिकारी सुश्री सागर राज से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा बताया गया, कि मैडम बिलासपुर मीटिंग में व्यस्त हैं, शासकीय मीटिंग में भी विकास कार्यों की ही बात होती है। आम-जनों की बात होती है, पर मुख्य नगर पंचायत अधिकारी के पास इतना भी वक्त नहीं था, कि वह जनहित से जुड़े मुद्दे के बारे में बात कर सके ?
नगर पंचायत कोटा के वार्डो में हो रहे पानी की किल्लत को देखते हुए इस बारे में नगर पंचायत अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता, कोटा से बात की गई

अध्यक्ष : नगर पंचायत
उनके द्वारा बताया गया, कि जल-आवर्धन योजना के तहत 19 करोड़ 58 लाख रुपए स्वीकृत की जा चुकी है, अभी वर्तमान में टेंडर प्रक्रिया में है,आचार संहिता लगने की वजह से कार्य नहीं हो पा रहा है। आचार-संहिता खत्म होने के बाद जल्द ही इस योजना का लाभ नगर को मिलेगा। रहा सवाल अभी वर्तमान में जलसंकट को लेकर वार्डों में बोर कराए जा रहे हैं, कुछ वार्डों में पंप जलने की वजह से जल-संकट गहराया हुआ है, जल्दी नया पंप डालकर समस्या दूर करने का प्रयास किया जाएगा। आश्चर्य वाली बात है, पिछले डेढ़ साल से जल-आवर्धन योजना अभी भी टेंडर की प्रक्रिया में है।
भीषण गर्मी से पहले वार्डो में पानी को लेकर हाहाकार को लेकर वार्ड नंबर 02 के पार्षद नरेंद्र बाबा गोस्वामी

पार्षद, वार्ड नंबर 02
द्वारा बताया गया कि गर्मी के महीनों में जलसंकट बढ़ने से पहले नगर पंचायत में बैठक के दौरान नगर पंचायत अधिकारी और अध्यक्ष की उपस्थिति में सभी पार्षदों द्वारा लिखित आवेदन दिया गया था की नगर पंचायत अधिकारी द्वारा एक टीम गठित कर सभी वार्डों में जाकर जांच कर चिन्हित किया जाए कि कौन से वार्ड में कहां-कहां पानी की समस्या है, उसके बाद व्यवस्था सुधारी जाए आज एक माह हो गए पर इस पर नगर पंचायत अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वार्ड-नंबर 02 वार्ड नंबर 03 में पानी की समस्याओं से भी वार्डवासी जूझ रहे हैं। पंप जलने की वजह से माचिस फैक्ट्री का पंप ऐसे ही पड़ा हुआ है, वार्ड नंबर 3 में जो पाइप लाइन है, उसको भी अब तक सुधारकार्य नहीं किया गया है, जनप्रतिनिधियों द्वारा आवेदन निवेदन करने के बाद भी नगर-पंचायत-अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
वहीं पर इस पूरे मामले पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह ने नगर पंचायत अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों पर दोषारोपण कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष
उनके द्वारा बताया गया कि पार्षद मदों के माध्यम से जो बोर कराया जाता है, वार्डों में उस राशि का जनप्रतिनिधि द्वारा बंदरबांट किया जाता है,नगर पंचायत के सभी-वार्डों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, जल आवर्धन-योजना की बात केवल हवा-हवाई है, पिछले डेढ़ साल से अभी तक टेंडर प्रक्रिया में बताया जाना काफी हास्यास्पद है।

नगर कांग्रेस कोषाध्यक्ष।