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भोपाल में दो दिन में 200 पुलिसकर्मी पांच साल की मासूम को नहीं खोज पाए, टंकी में छिपा दी थी लाश

बच्ची की तलाश में पांच थानों और कंट्रोल रूम का पुलिस बल जुटा था। ड्रोन से भी इलाके में सर्चिंग/निगरानी की जा रही है। पड़ोसी के संदेह पर मामले का पर्दाफाश कर सकी पुलिस। मल्टी के बाहर चैकिंग में तैनात पुलिसकर्मियों की नाक के नीचे से आरोपित फरार हो गया था।

HIGHLIGHTS

  1. मंगलवार दोपहर घर के बाहर से गायब हो गई थी बच्ची।
  2. गुरुवार को पड़ोस के एक फ्लैट में मिला बच्ची का शव।
  3. आरोपित ने दुष्कर्म के बाद बच्ची की कर दी थी हत्या।

भोपाल। शाहजहांनाबाद की वाजपेयी नगर मल्टी में मासूम के साथ हुई दरिंदगी से एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है। मासूमों की आबरू पर उतारू दरिंदों को पकड़ने के लिए हमारा तंत्र आज भी पुख्ता नहीं है। यही वजह है कि इस तरह की वारदातें आए दिन समाज को कलंकित करती हैं और इन वीभत्स घटनाओं पर लगाम लगाने की बजाय पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रह जाती है। वाजपेयी नगर में हुए मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले ने पुलिस की कलई खोल दी है।

जुटा रहा अमला

पांच वर्षीय बच्ची की तलाशी के लिए पांच थानों और पुलिस कंट्रोल रूम के 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन दो दिन की जांच के बाद भी उनके हाथ कुछ सुराग नहीं लग सका। इतना ही नहीं, बच्ची की तलाश के लिए ड्रोन से भी सर्चिंग/निगरानी की गई थी और मामले की गंभीरता देखते हुए खुद भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र मौके पर पहुंचे थे, लेकिन दीया तले ही अंधेरा रहा और आरोपित के घर तक पहुंचने के बावजूद पुलिस अपनी तलाश पूरी नहीं कर सकी।

ऐसे खुला राज

गुरुवार सुबह पड़ोसी को जब एक बंद फ्लैट से बदबू आई तो उसने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद गुमशुदा बच्ची का शव मिला। साथ ही आरोपित भी पुलिस की नाक के नीचे से फरार हो गया था। ऐसे में प्रश्न उठना लाजमी है कि क्या वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुलिसकर्मियों ने सिर्फ जांच का कोरम पूरा किया था, यदि नहीं तो फिर इतने गंभीर मामले में गहनता से जांच क्यों नहीं हुई?

बहन और मां काम पर गई थीं, तब दिया था घटना को अंजाम

आरोपित अतुल निहाले मूलत: खरगौन के गोंगवा गांव का रहने वाला है। वह लंबे समय से अपने परिवार के साथ वाजपेयी नगर में रह रहा है। करीब छह महीने पहले वह ए-एक ब्लाक की इस मल्टी में किराये से रहने के लिए आया था। कुछ दिनों पहले उसका पत्नी से विवाद हुआ था, जिसके बाद वह बच्चे को लेकर मायके गई थी। उसकी मां बसंती और बहन चंचल दिन में काम पर जाती हैं।
मंगलवार को भी यही हुआ दोनों करीब दस बजे अपने काम के लिए निकल गई थीं। तभी उसने बच्ची को घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म कर आधे घंटे के भीतर उसकी हत्या कर दी थी। साथ ही शव को पानी की टंकी में छुपाकर कबाड़ से भरी बालकनी पर छुपाकर रख दिया था।
मामला गर्माया और पुलिस ने जांच शुरू की तो वह गुमराह करने के लिए पुलिस के साथ तलाशी करने का नाटक भी करता रहा। उसकी बहन और मां ने भी बुधवार को तलाशी का नाटक किया था। हालांकि जब वह शव को बाहर फेंकने में नाकाम साबित हुआ तो भाग गया था।

लोगों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप

घटना से पर्दा उठने के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। पहले उन्होंने घटनास्थल के पास जाकर हंगामा किया और आरोपित को सख्त सजा दिलाने की मांग की। वहीं जब पुलिस आरोपित थाने ले गई तो गुस्साई भीड़ ने शाहजहांनाबद थाने का घेराव कर रोड पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने आरोपित और पुलिस दोनों के विरूद्ध नारेबाजी की। वे बच्ची की हत्या के आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे थे। पुलिस की समझाइश के बाद वे वापस लौटे।

मासूमों के साथ यौन शोषण का दो सप्ताह में तीसरा मामला

राजधानी में बीते दो सप्ताह में मासूमों के साथ यौन शोषण से संबंधित यह तीसरा मामला था। इससे पहले 13 सितंबर को एक निजी स्कूल में शिक्षक ने साढ़े तीन वर्ष की बच्ची के साथ दरिंदगी की थी। इस मामले में पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है और संभवत: इसी सप्ताह में कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।
वहीं एक सप्ताह पहले एक पांच वर्षीय बच्ची ने स्कूल वैन ड्राइवर द्वारा बैड टच की शिकायत अपनी मां से की थी। मामला थाने पहुंचा तो पुलिस बच्ची से कुछ भी जानकारी नहीं ले सकी थी। मासूमों के साथ बढ़ते यौन अपराध पर कड़ी कार्रवाई का लोगों को इंतजार है।

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