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Bhopal News: एमएनसी में नौकरी का झांसा देकर शातिर जालसाज ने ठगे साढ़े पांच लाख रुपये, सीए की पढ़ाई कर रहा आरोपित
आरोपित इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ठगी का जाल बिछाता था। ज्यादातर उसके निशाने पर बेरोजगार और प्राइवेट नौकरी करने वाले युवा रहते थे। उसने एक आईटी कंपनी में वेकेंसी के डिजिटल पोस्टर बनवाए और इसे इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर युवाओं को अपने जाल में फंसाया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया।
HIGHLIGHTS
- मूलत: रीवा जिले का रहने वाला है 21 वर्षीय आरोपित।
- सीए की पढ़ाई करने इसी साल वह भोपाल आया था।
- नौकरी के नाम पर लगभग 50 युवाओं से की ठगी।
भोपाल। इंटरनेशनल टेक कंपनी में नौकरी का झांसा देकर 21 वर्षीय सीए छात्र ने साढ़े पांच लाख रुपये की ठगी कर दी। आरोपित युवक ने करीब चार महीने के दौरान बेरोजगार और प्राइवेट काम करने वाले युवक-युवतियों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ठगी का शिकार बनाया। मंगलवार को आरोपित के विरुद्ध जहांगीराबाद थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गई है, जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार 21 वर्षीय उत्तम त्रिपाठी मूलत: रीवा का रहने वाला है। वह इसी वर्ष सीए की तैयारी करने के लिए भोपाल आया था और वह एमपी नगर के एक हास्टल में रहता है। साथ ही एमपी नगर की ही एक कोचिंग में पढ़ाई करता है।
ऐसे करता था ठगी
करीब चार महीने पहले उसने इंदौर में रहने वाले दोस्त तुषार मेहता के नाम से इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर अकाउंट बनाया और फिर कंसल्टेंट बनकर अहमदाबाद की टेक कंपनी टी-टेक में विभिन्न पदों पर वेकेंसी के डिजिटल पोस्टर बनवाए। बाद में वह भोपाल में इन पोस्टर्स को नौकरी वाले ग्रुपों में शेयर करने लगा। नौकरी के लिए जब लोग उससे संपर्क करते तो वह उनसे आठ से दस हजार रुपये की मांग करता था। इसी तरह उसने 50 से अधिक लोगों को ठगी का निशाना बनाया और साढ़े पांच लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया।
ग्रुप में आवेदन मंगवाता था आरोपित
नौकरी के लिए आवेदन देने वालों से आरोपित ठग ग्रुप में आवेदन मंगवाता था। वह कहता था कि एक व्यक्ति की नौकरी में नियुक्ति नहीं होगी, ग्रुप में आवेदन करना होगा। इसके चलते कई युवक-युवतियां आकर्षक सैलरी के लालच में उसे कंसल्टेंसी फीस के रूप में रुपये देते थे। शहर के अविनाश मालवीय ने भी अपने दोस्तों के साथ ठग को हजारों रुपये दिए थे, लेकिन नौकरी नहीं मिलने पर उसने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई। जांच की शुरुआत में पुलिस तुषार को ढूंढ़ रही थी, लेकिन मोबाइल और सिम ट्रेस कर पुलिस बुधवार को सही आरोपित तक पहुंच सकी और उसे गिरफ्तार किया।