मिश्रित विवाह पर जोड़े को हाई कोर्ट में आनलाइन पेश होने का आदेश
हिंदू युवक और मुस्लिम युवती ने आपसी प्रेम के चलते 2017 में आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। पहले तो उन्होंने इस बात को छिपाकर रखा पर बाद में स्वजन को बता दिया। युवती के स्वजन ने इस शादी को स्वीकार करने से मना कर दिया। युवक ने भी उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका। इसके बाद 2024 में वह परिवार से अलग होकर रहने लगा।
HighLights
- दूसरे धर्म में शादी की तो युवती के स्वजन ने लगाई है याचिका
- हिंदू युवक और मुस्लिम युवती ने 2017 में शादी कर ली थी
- पहले शादी को स्वजनों से छिपाकर रखा था
ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में युगल पीठ के समक्ष दो बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इसमें पहला मामला एक हिंदू युवक और मुस्लिम युवती की शादी का है। जहां युवती के स्वजन ने याचिका दायर की है। इसके बाद युवक ने पुलिस को सभी दस्तावेज भेजकर सुनिश्चित कर दिया कि दोनों ने शादी कर ली है और अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं।
पुलिस ने अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपेंद्र कुशवाह द्वारा सभी दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश करवा दिए। इसके बाद हाई कोर्ट ने अगली तारीख पर युवक और युवती को आनलाइन माध्यम से पेश होने निर्देश दिए हैं। बता दें कि हिंदू युवक और मुस्लिम युवती ने आपसी प्रेम के चलते 2017 में आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी।
पहले तो उन्होंने इस बात को छिपाकर रखा पर बाद में स्वजन को बता दिया। युवती के स्वजन ने इस शादी को स्वीकार करने से मना कर दिया। युवक ने भी उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका। इसके बाद 2024 में वह परिवार से अलग होकर साथ रहने लगे। इसके बाद कोर्ट में यह याचिका दायर हुई।
युवती बोली याचिकाकर्ता सहेली से कोई लेना देना नहीं
बीते दिनों शहर की रहने वाली एक लड़की ने अपनी सहेली को उसके माता पिता की अवैध कस्टडी में बताते हुए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई दौरान युवती को पेश होने के निर्देश दिए। शुक्रवार को युवती कोर्ट में पेश हुई। जब कोर्ट ने उससे पूछा कि क्या उसे बंधक बना कर रखा गया है तो उसने याचिका के तथ्यों को सिरे से खारिज कर दिया। युवती ने कहा कि वह अपने माता पिता के साथ अपनी खुशी से रह रही है। वहीं यह भी कहा कि याचिकाकर्ता से उसका कोई लेना-देना नहीं है।