गुरुर (बालोद) hct : छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही अवैध कारोबारी और अवैध कार्यो में संलिप्त लोगो के ऊपर लगातार ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए धर पकड़ जारी है। मगर चिंता का विषय यह कि गुरुर नगर पंचायत की गलियों में आज भी गांजा और शराब की बिक्री गुपचुप तौर पर पुरे शबाब में है। जिस पर अंकुश नही लगा पाना विभागीय सरंक्षण की ओर इंगित करता है।
भट्टी खुलने से पहले और बंद होने के बाद कोचियाओं की चांदी
गुरुर की देशी विदेशी मदिरा दुकान सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुली रहती है। इस बीच कुछ नामी कोचिया जो रोजाना शराब का पौव्वा ले ले कर इकट्ठा करता है। और शराब भट्टी खुलने और बंद होने के बाद इन शराब कोचियों की दुकानदारी चालू हो जाती है। शराब भट्टी बंद होने के बाद भी लोगो को आसानी से मिल जाती है शराब। नशे की गिरफ्त में नौजवान, बुजुर्गों के साथ साथ छोटे छोटे नाबालिग बच्चें भी गिरफ्त में आने लगे है। नशे के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नही होने के चलते अवैध धंधा करने वाले लोगो का हौसला बुलन्द है।
देशी मदिरा दुकान शासकीय महाविद्यालय और नया हाउसिंग बोर्ड मकान के पीछे संचालित है। जहां पर कुछ लोग जमीन खरीद कर प्राइवेट मकान बना कर निवास कर रहे है। शराब के नशे में कुछ लोग गाली गलौच करते हुए माहौल को खराब कर रहे है। मकान मालिकों द्वारा कई बार इसकी शिकायत करते करते थक चुके है। चखना दुकान खुलने के बाद भी लोग खुले मैदान में शराब पीने के साथ साथ पॉलीपैक पानी और प्रतिबंधित डिस्पोजल को फेक कर चले जाते है।
जमने लगी है पॉलीथिन की परते
खुले मैदान में घास उगने की जगह पर पॉलीथिन की परते जमने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण मदिरा दुकान के आसपास छोटे छोटे ठेला और दुकान खोलकर प्रतिबंधित पॉलीथिन से निर्मित डिस्पोजल और पानी पाउच बेचना। मैदान पूरी तरह से पानी पाउच और डिस्पोजल से भरा पड़ा हुआ है। पर्यवारण को खासा नुकसान पहुँच रहा है। खाद्य विभाग और आबकारी विभाग की उदासीनता के चलते धड़ल्ले से बिक रहा है। प्रतिबंधित पालीथिन से निर्मित सामग्री।