Bhind Crime: डेढ़ माह में 25 डेयरियों पर छापे, सख्त कार्रवाई किसी पर नहीं
शहर में अधिकारियों की लापरवाही से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। दूध विक्रेता शहर में धड़ल्ले से मिलावटी दूध का कारोबार कर रहे हैं। इसके जरिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। डॉक्टर भी इस बात को मान रहे हैं कि मिलावटी वस्तुओं के सेवन से बीमारों की संख्या बढ़ रह है।
HIGHLIGHTS
- मिलावटखोरों पर एडीएम कोर्ट से 20 से 30 हजार के जुर्माने हो गए
- विशेषज्ञ बोले- मिलावटी वस्तुओं के सेवन से किडनी, हार्ट में परेशानी होती
- मिलावटखोर एक क्विंटल पर 14 से 15 हजार रुपये मुनाफा कमाते हैं
भिंड। त्योहार आते होते ही गांव-गांव में सपरेटा दूध में पाम कर्नल आइल, माल्टोडेक्साट्रिन पाउडर से सिंथेटिक मावा व पनीर तैयार करने की डेयरियों की बाढ़ सी आ गई है। 35 दिन में फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने 25 से अधिक डेयरियों पर छापे डालकर कुछ पर एफआइआर दर्ज कराई।
इससे पहले आधा दर्जन से अधिक लोग रासुका में जेल भी जा चुके हैं लेकिन रासुका वाले मिलावटखोर कमजोर साक्ष्यों की वजह से हाईकोर्ट से राहत लेकर घर आ गए जबकि जांच में सैंपल फेल होने के बाद अधिकांश मिलावटखोरों पर एडीएम कोर्ट से 20 से 30 हजार के जुर्माने हो गए, जिन्हें भरकर उन्होंने नए सिरे से अपना कारोबार शुरू कर दिया।
मुनाफे का गणितः सपरेटा में रिफाइंड, पाउडर मिलाकर 20 हजार में तैयार होता है 1.50 क्विंटल पनीर, 39 हजार में सप्लाई
1.50 क्विंटल पनीर बनाने के लिए 1000 रुपये का 50 किलो सपरेटा, एक हजार रुपये का शुद्ध दूध का मिश्रण तैयार करते हैं। फिर इसमें 3900 रुपये के 2 टीन रिफाइंड आइल, 8400 रुपये का ड्राय पाउडर (घटिया मिल्क पाउडर) मिलाकर माल तैयार करते हैं।
डेयरी का संचालन, मजदूरी 2 हजार रुपये मिलाकर कुल 16 से 18 हजार रुपये में 1.50 क्विंटल पनीर-मावा तैयार हो रहा है। इस पनीर को 260 रुपये किलो थोक रेट के हिसाब से छग के रायपुर, मप्र के इंदौर-ग्वालियर में सप्लाई कर दिया जाता है। इस तरह मिलावटखोर एक क्विंटल पर 14 से 15 हजार रुपये मुनाफा कमाते हैं।
सिंथेटिक मावाः पहले सिंथेटिक दूध बनाने के लिए मात्र 10 ग्राम वाशिंग पाउडर, 800 एमएल रिफाइंड तेल, 200 एमएल दूध को आपस में मिलाया जाता है। इसमें पानी भी मिलाया जाता है और एक लीटर दूध से 20 लीटर सिंथेटिक दूध तैयार करते हैं। इसी से मावा भी तैयार हो जाता है। सिंथेटिक दूध से बना एक किलो मावा 120 रुपये तैयार हो जाता है। जबकि यह 250 से 300 रुपये किलो तक बिकता है।
इन 2 तरीकों से बनाया जा रहा सिंथेटिक पनीर-मावा
1- शुद्ध दूध से क्रीम निकालकर उसमें माल्टोडेक्साट्रिन पाउडर, ड्राय ग्लूकोज, रिफाइंड ऑयल मिलाकर पनीर-मावा तैयार किया जा रहा है।
2. कुछ मिलावटखोर सपरेटा दूध खरीदकर उसमें सीधे रिफाइंड-ड्राय मिल्क पाउडर मिलाकर पनीर-मावा तैयार कर दूसरे जिलों व प्रांतों में सप्लाई कर रहे हैं।
सात प्रतिष्ठानों से सैंपल लिए
खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल और रेखा सोनी ने रविवार शाम शहर की सात नामचीन प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की है। इसमें बंगाली स्वीट्स एंड ड्राय फूड पुस्तक बाजार के सामने भिंड से पनीर एवं मावा बर्फी, द्वारिका पेड़ा हाउस पोस्ट ऑफिस के पास से मावा-पेड़ा, जयकुमार पेड़ा हाउस गोल मार्केट से मैसूर पाक, जोधपुर मिष्ठान भंडार लश्कर रोड से बेसन के लड्डू, न्यू जोधपुर मिष्ठान भंडार लश्कर रोड से मावा चॉकलेट बर्फी, सागर पेड़ा हाउस पोस्ट ऑफिस के पास से मावा बर्फी एवं बूंदी के लड्डू, दाऊजी स्वीट्स एंड नमकीन केटर्स बंगला बाजार से मावा बर्फी का सैंपल लिया है।