बदल रही है पुलिस की छवि, माध्यम : जनमानस से जुडाव।

“जिले के आला अधिकारी पत्रकारों के साथ बस से पहुंचे ग्रामवासीयों के बीच”

किरीट ठक्कर
गरियाबंद। “महिला कमांडो” फिर “पुलिस सखी” और अब लगातार “ग्राम रक्षा समिति” गठित करते हुए जिले की पुलिस आम जनमानस से सीधे जुडाव की दिशा में कार्यरत है। जिले के पुलिस अधीक्षक एम.आर.आहिरे और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन सिंह राठौर के दिशा निर्देश में पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी जनता से सीधे रुबरु होने इस तरह के कार्यक्रमों के लिए उत्साहित है। इधर जनता से भी पुलिस विभाग को भरपूर समर्थन मिल रहा है।
रविवार राजिम थाना अंतर्गत ग्राम जेंजरा में 100वीं “ग्राम रक्षा समिति” का गठन किया गया। इस अवसर पर गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बडी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित हुए, इनमें महिलाओं की संख्या अत्यधिक थी। सबसे ज्यादा खास बात ये रही की इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने जिले के वरिष्ठ अधिकारी कलेक्टर श्याम धावडे, पुलिस अधीक्षक एम.आर.आहिरे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन सिंह राठौर, डीएसपी सिद्धार्थ बघेल, एसडीओपी राहुल देव शर्मा, संजय ध्रुव, गरियाबंद थाना प्रभारी राजेश जगत आदि सभी बस में सवार होकर ग्राम जेंजरा पहुंचे। यहॉ सरपंच नीलेश्वरी साहु, आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष भारत दीवान, रुपसिंह सिन्हा, उप सरपंच ममता ध्रुव, पूर्व सरपंच जालम साहु, विक्रम साहु तथा अनेक पंचों, ग्रामीणजनों ने अधिकारियों का भव्य स्वागत किया।
कलेक्टर श्याम धावडे ने ग्रामीणों को संबोधित करते कहा की ग्राम जेंजरा की सफाई व्यवस्था काबिले तारीफ है, स्वच्छता अभियान को लेकर यहां की महिला सरपंच दिल्ली में सम्मानित हो चुकी है; जिससे जिले का मान बढा है। राजिम मेले के दौरान जेंजरा वासियों ने राजिम में 10 दिनों तक सफाई व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग किया, इस कार्य से जेंजरा के ग्रामीणों की जागरुकता स्पष्ट होती है। कलेक्टर श्याम धावडे ने आगे कहा की छत्तीसगढ़ शासन की योजना ‘नरवा गरवा घुरुवा बाडी’ को गांव में बढावा दें, पशुओ को गौठानों में रखे, आपसी सहयोग से गौठानों का संचालन करें, पंचायत की ग्राम सभा में अधिक संख्या में उपस्थिति दे, आर्थिक उन्नति के लिए डबल फसल जरुर लगायें किन्तु खेतों में पैरा ना जलायें, पैरा गौठानों में दान कर दें, इससे प्रकृति का संरक्षण होगा साथ ही मिट्टी में उपस्थित मृदा तत्व भी नष्ट नही होंगे।
एसपी एम.आर. आहिरे ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामवासियों के सहयोग के बिना “ग्राम रक्षा समिति” का गठन असंभव है, पुलिस का प्रयास आम लोगों से जुडाव है। इस तरह की समितियों के माध्यम से हम अपराध पर नियंत्रण कर सकते हैं, साथ ही लोगों को विभिन्न माध्यमों से ठगे जाने के पूर्व सचेत कर सकते हैं। गांव के
ग्राम जेंजरा सरपंच नीलेश्वरी साहु ने भी सभा को संबोधित किया |
युवकों को नशे से दूर रखने का कार्य भी रक्षा समिति के माध्यम से बेहतर किया जा सकता है। गांव में शराब बनाने या अन्य मादक पदार्थ बेचने वालों को चिन्हांकित किया जा सकता है, उनके बारे हमें सूचित करें। “एके नंबर सब्बो बर” से सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध है। इसके अलावा अंजोर रथ के द्वारा हम बहुत से असामाजिक कृत्यों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

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