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साय के सुशासन का बुलडोजर भू माफिया विवेक ढांड के आगे थरथराया !

३६ गढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और रेरा के पूर्व अध्यक्ष विवेक ढांड के काबिज वाली जमीन पर कब चलेगा बुलडोजर

भाजपा नीत सरकार भले ही स्वयं को कितने ही ईमानदार घोषित कर ले किन्तु छत्तीसगढ़ बनने के बाद दर्जनों घोटाले सुर्खियों में रहे हैं, चुनांचे कि सरकार भ्रष्ट अधिकारियों व भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने में हमेशा निकम्मी ही साबित हुई। प्रदेश के विभिन्न विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों का राज जमकर है, लेकिन इन पर कार्यवाही करने को छोड़ इन्हें वफादार कुत्तों की तरह पालने में भाजपा सरकार की कोई सानी नहीं …

रायपुर hct : आम जनता को जहाँ आवास के लिए जमीन नहीं मिल पाती, जहाँ हजारों – लाखों की संख्या में लोग किराए के मकान में अपना सारा जीवन गुजार देते हैं। वहीं भू-माफिया, रसूखदारों के लिए शासकीय आबादी जमीन वरदान साबित होती है। राजधानी रायपुर के हृदय स्थल सिविल स्टेशन वार्ड की 150300 वर्गफीट की नजूल भूमि का भू-स्वामी, होना किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं। लेकिन ऐसा हुआ है और यह करामात कर दिखाया है, प्रदेश के महाभ्रष्ट आईएएस भूमाफिया विवेक ढांढ ने !

आदेश पालन में क्यों कांप रहे हैं हाथ

विवेक कुमार ढांढ पिता पिता सतपाल ढांड भाजपा शासन काल से इस शख्स की सरकार में तूती बोलते आई है। यह शख्स डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में सरकार का नकचढ़ा और बेहद शातिर बुद्धि का महाभ्रष्ट आईएएस अधिकारी रहा है। एक हजार करोड़ के एनजीओ घोटाला, शराब घोटाले का मास्टर माइंड, महादेव सट्टा एप और जमीन कब्जाने में शातिर इस शख्स पर यदि विष्णु देव के सुशासन का चक्र चले तो निश्चय ही इस कलयुगी शिशुपाल के जीवन का अंतिम क्षण जेल में ही कटेगा। मगर लगता है कि इस भ्रष्टासुर के पाप का घड़ा भरा नहीं है। तभी तो 23 जुलाई 2024 को पारित आदेश के बावजूद इस भ्रष्टासुर भू माफिया पर सरकार की मेहरबानी बरक़रार है !

चोर चोर सौतेला भाई

पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के समय छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और रेरा के पूर्व अध्यक्ष विवेक ढांड ने नवम्बर 2020 में सिविल लाईन स्थित नजूल की 1503000 वर्गफीट जमीन को फ्री होल्ड किए जाने बाबत कुल 5 प्रकरण नजूल अधिकारी रायपुर के समक्ष विवेक कुमार ढांढ व उनकी बहनों के नाम पर दर्ज नजूल जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कूट रचित दस्तावेज 1964 में पिता सतपाल ढांड वल्द गौरीशंकर ढांड के नाम से तैयार कर लिए गए थे। जिनका सत्यापन आई ए एस अधिकारी तारण प्रकाश सिन्हा ने किया था।

ढांढ पर साय की छत्रछाया बरकरार

सूत्रों प्राप्त जानकारी के अनुसार अब उसी जमीन का कुछ भाग विवेक ढांड ने 20 हज़ार रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से डी मार्ट को बेच दी, जिसकी कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये से ऊपर आंकी गई है। प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार नारायण शर्मा जी ने सवाल खड़ा करते हुए लिखते हैं कि भूपेश बघेल सरकार के द्वारा जिस नजूल जमीन का फ्री होल्ड का किए जाने का आदेश सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने निरस्त कर दिया तो फिर अभी तक इस भूमाफिया विवेक ढांढ पर विष्णु देव के सुशासन की छत्रछाया बरकरार क्यों ? आखिर क्या कारण है कि इस नामजद आरोपी पर कार्यवाही करने के नाम पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और ई. ओ. डब्ल्यू. की पेंट गीली क्यों हो जा रही है …!

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