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Chhattisgarh

शिशुपाल सिन्हा, थाना प्रभारी पुरूर “वीरता के राष्ट्रपति पुरस्कार” हेतु चयनित।

उनके अदम्य साहस के लिए 26 जनवरी 2025 को नवाजा जाएगा।

बालोद hct : धमतरी जिला से सटे राष्ट्रीय राजमार्ग ‘NH’ 30 पर स्थित बालोद जिला का पहला थाना पुरूर में पदस्थ थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा का नाम “वीरता के राष्ट्रपति पुरस्कार” के लिए स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले घोषित होने से बालोद जिला के समूचा पुलिस बल का सीना 56″ का हो गया है। लब्बोलुआब यह कि पुरूर थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा को उनके अदम्य साहस के लिए 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजा जाना है।

घटना 30 जून 2021 है। सूचना मिली थी, कि दरभा–झीरम घाटी के पास नक्सलियों की चहल-कदमी देखी जा रही है। शिशुपाल सिन्हा ने बताया कि दरभा में अपने कुछ साथियों के जब हमारा सामना नक्सलियों से हुआ। बैकअप फोर्स के आने में समय था, हम गिनती में आठ थे। जब तक बैकअप फोर्स आती, साथियों के साथ नक्सलियों से डटकर सामना करते रहे।

घिर चुके थे; नक्सलियों से…

बता दें कि यह सम्मान उनके बस्तर पोस्टिंग 2021 के दौरान की है, जब वे अपने कुछ साथियों के साथ दरभा घाटी में नक्सलियों से घिर चुके थे। बैकअप फोर्स आने में समय था। फिर भी उन लोगों ने 8 साथियों के साथ नक्सलियों का डटकर सामना किया और नक्सलियों के कमांडर को मार गिराया था।

बस्तर तैनाती कार्यकाल

उप निरीक्षक के पद पर प्रथम पदस्थापना
सुकमा, थाना : गोलापल्ली वर्ष 2012 से 2013 तक
थाना तोंगपाल : वर्ष 2013 से 2016 तक
डीआरजी कमांडर सुकमा : 2016 से 2018
डीआरजी कमांडर बस्तर : 2018 से 2020
थाना दरभा : 2020 से 2023 तक
वर्तमान में पुरूर थाना प्रभारी।

शिशुपाल जी जब रूबरू यह बता रहे थे तो उनके मुख पर एक अलग ही तरह का आत्मविश्वास झलक रहा था। उन्होंने बताया कि यह सम्मान बस्तर में उनके एक दशक से भी अधिक सेवाकाल का परिणाम है जो मैंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में समर्पित होकर किया। वहां पर नक्सल मूवमेंट होते ही रहता है और हरपल गोली किधर से आकर आत्मा को छूकर निकल ले यह खतरा मंड़राते रहता है।

सेवा का मूल मन्त्र
निडरता और आत्मबल के साथ-साथ पब्लिक के साथ अपनत्व भाव

बस्तर में तैनात हर जवान अपना जान में जोखिम में डालकर नौकरी करते हैं, ताकि क्षेत्रवासी सुरक्षित रह सके। बस्तर में काफी कुछ सीखने को मिलता है। जब हम बस्तर में नौकरी कर लेते हैं तो हमारे अंदर से सभी प्रकार का डर ख़त्म हो जाता है। और यही हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा भी होता है पुलिस की नौकरी में निडरता और आत्मबल के साथ-साथ पब्लिक के साथ अपनत्व भाव के साथ कार्य के प्रति समर्पित होने सेवा का गुर सिखाया जाता है।

अमीत मंडावी, संवाददाता
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