Chhattisgarh

जनचौपाल में घसीटते हुए पहुंचा दिव्यांग…

डिप्टी रेंजर वनरक्षक हटाने की मांग
सरनाबहाल व्याख्याता की मनमानी
किरीट ठक्कर
गरियाबंद। संयुक्त जिला कार्यालय भवन में प्रत्येक मंगलवार को आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम में 56 आवेदन प्राप्त हुए, ग्राम कोडोहरदी के ग्रामीणों ने सहायक वन परिक्षेत्राधिकारी काशी राम गायकवाड़ और वनरक्षक देवेंद्र तिवारी पर मनमानी का आरोप लगाते उन्हें हटाने की मांग की है, उसी तरह मैनपुर ब्लॉक के ग्राम सरनाबहाल के ग्रामीणों ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ व्याख्यता एल बी देवानंद मंडावी पर, शराब पीकर स्कूल आने, अनुपस्थित रहने, लड़की भगाने जैसे कई गम्भीर आरोप लगाकर उसे हटाने की मांग की है। ग्रामवासियों के अनुसार कई बार जनदर्शन और जनचौपाल में इस शिक्षक के विरुद्ध शिकायत कर चुके हैं, किन्तु कार्यवाही नही हो रही।
जनचौपाल में आवेदन लेते अधिकारी।
सुदूर पहाड़ी क्षेत्र आमामोरा की विशेष पिछड़ी अनुसूचित जाति की युवती नागवंशी ने शासकीय नौकरी की मांग की है। युवती नागवंशी के अनुसार- “सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में निवासरत तथा विशेष पिछड़ी जनजाति से होते हुए भी उसने 2016 में कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण की है। नक्सलियों द्वारा उसके पिता काजल सिंह की हत्या किए जाने के बाद उसके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, साथ ही माँ भी अब बूढ़ी-बीमार रहने लगी है, जिसकी वजह से उसे नौकरी की अत्यंत आवश्यकता है।
“आवास नही मिलने पर पिता ने लगाई फांसी”
अब बेटा भी आवास के लिए भटक रहा है

जनचौपाल में फिंगेश्वर विकासखंड की ग्राम पंचायत परसदा जोशी के आश्रीत ग्राम दूतकैय्या खपरी निवासी जितेंद्र साहू पिता दुकालू साहू ने आवास की मांग की है, जितेंद्र व उसके साथ आये ग्रामीणों के अनुसार जितेंद्र का घर मिट्टी का है वो भी टूटा फूटा है। बारिश में जितेंद्र पालीथिन के सहारे गुजर कर रहा है, वर्षो तक आवास नही मिलने से हताश जितेंद्र के पिता दुकालू ने आत्महत्या कर ली है, इसके बाद भी जितेंद्र को आवास नही मिल सका है। जानकारी के अनुसार दुकैय्या निवासी मृतक दुकालू को 2010-11 में इंदिरा आवास स्वीकृति हुआ था, जिसका आधा निर्माण हो सका और बाकी राशि भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ गई, लिहाजा अब इस परिवार को आवास की पात्रता नही है कहा जाता है, किन्तु ग्रामीणों के अनुसार जितेंद्र के माता पिता दोनो का अवसान हो चुका है, रहने को कच्चा टूटा फूटा मकान है जिसमे पालीथिन के सहारे बारिश के दिन गुजारना मुश्किल है।

जनचौपाल में घसीटते हुए पहुंचा दिव्यांग

जनचौपाल में एक पैर से लाचार दिव्यांग नंद कुमार घसीटते हुए पहुंचे, जिला कार्यलय में दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था नही होना सिर्फ और सिर्फ लापरवाही का परिचायक है।

Dinesh Soni

जून 2006 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मेरे आवेदन के आधार पर समाचार पत्र "हाइवे क्राइम टाईम" के नाम से साप्ताहिक समाचार पत्र का शीर्षक आबंटित हुआ जिसे कालेज के सहपाठी एवं मुँहबोले छोटे भाई; अधिवक्ता (सह पत्रकार) भरत सोनी के सानिध्य में अपनी कलम में धार लाने की प्रयास में सफलता की ओर प्रयासरत रहा। अनेक कठिनाइयों के दौर से गुजरते हुए; सन 2012 में "राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा" और सन 2015 में "स्व. किशोरी मोहन त्रिपाठी स्मृति (रायगढ़) की ओर से सक्रिय पत्रकारिता के लिए सम्मानित किए जाने के बाद, सन 2016 में "लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) की तरफ से निर्भीक पत्रकारिता के सम्मान से नवाजा जाना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्यजनक रहा।

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