Chhattisgarh

दक्षिण बस्तर के पामेड़ इलाके में 07 अप्रैल, 2024 की रात बमबारी !

देश सहित छत्तीसगढ़ में भी लोकसभा चुनाव की रणभेरी हो चुकी है। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों सहित कुछ क्षेत्रीय पार्टी और निर्दलियों ने भी जोर आजमाइश लगा रखी है मगर मोदी-शाह के इशारे पर सैन्य बालों ने बस्तर के बीजापुर-सुकमा जिलों के सीमावर्ती इलाकों के बसाहट क्षेत्र में आधी रात को एक बार फिर ड्रोन के माध्यम से जमकर बमबारी कर दिया है।

रायपुर/बस्तर hct : बस्तर के बीजापुर-सुकमा जिलों के सीमावर्ती इलाके का पालागुड़ा, इत्तागुड़ा, जिलोरगुडा, गोमगुड़ा, कंचाल आदि गांवों एवं जंगलों को निशाना बनाकर रात 11:45 बजे से करीबन आधा घंटा तक पुलिस, अर्ध-सैनिक बलों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित ‘कगार’ हमलों के तहत आदिवासी जनता पर जारी रॉकेट लांचर और ड्रोन से बमबारी किए जाने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है।

बना हुआ है डर का माहौल

उपरोक्त गांवों और जंगलों में कइयों जगह रॉकेट लांचरों द्वारा 30 से अधिक हाई एक्सप्लोजिव बम दागे गये हैं। जहां-जहां ये बाम गिरा है वहां 100-200 वर्ग मीटर इलाके की पेड़, पौधें तथा जानवर नष्ट हो गये, कइयों जगह जनता बाल-बाल बची हैं, जैसे – तैसे भागकर वे अपनी जान बचाये हैं। पूरे इलाके में डर का माहौल बना हुआ है। दिन-रात तरह तरह के टोही ड्रोन, आसमान में मंडराते हुए मन में आशंका बनी रहती है कि कब और कहां बम गिरेगी।

वनोपजों की संग्रहण से वंचित हो रही जनता

अवगत होवें कि इन दिनों जंगलों, खेतों में महुआ बिनने का काम जोरों पर है जोकि आदिवासियों की आय का प्रमुख स्रोत है। महुआ फूल को जंगली और पालतु जानवर खाने से बचाने के लिए लोग रात को महुआ पेड़ों के नीचे ही सोते है और दिन-रात जंगलों ही ज्यादा समय अपना जीवन बिताते हैं। इस तरह की बमबारी के कारण सभी तरह की जंगली वनोपजों की संग्रहण से जनता वंचित हो रही है।

बीजापुर के पामेड़ थाना क्षेत्र के ग्रामीणों और माओवादियों ने पुलिस और सैन्य बलों पर एयर स्ट्राइक करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने जवानों पर आसमान से ड्रोन के जरिए जमकर बम गिराने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कुछ बम फट गए तो कुछ बम जिंदा मिले हैं। ग्रामीणों ने जिंदा बैरल ग्रेनेड लॉन्चर भी दिखाया है।

07 अप्रैल 2024 को गिराए गए बम

इसको लेकर बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर नक्सल प्रभावित गांव पालागुड़ा में ग्रामीण पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि 7 अप्रैल की सुबह लगभग 11 से 12 बजे के बीच पुलिस ने इत्तागुड़ा, पालागुड़ा और गोमगुड़ा जैसे गांव के जंगलों में ड्रोन से हमला किया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब ये बम गिराए गए तब महिलाएं जंगल में महुआ इकट्ठा करने के लिए गई हुईं थीं। इस दौरान लगभग आधे घंटे तक ड्रोन से लगातार बमबारी की गई। साथ ही BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागे गए। ग्रामीणों ने पेड़ों पर भी बम फटने के निशान दिखाए हैं।

बम से पेड़ों और जानवरों को नुकसान

बम जिन-जिन जगहों पर गिरकर फटे, वहां बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इससे पेड़ और जानवरों को भी नुकसान हुआ है। हालांकि किसी तरह की कोई जन हानि नहीं हुई है। ग्रामीणों ने जो बम नहीं फटे उसे सबूत के तौर पर अपने पास रखा है। अब आक्रोशित ग्रामीण उसी बम को हाथों में लेकर गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

माओवादियों ने भी लगाया आरोप

वहीं ग्रामीणों के साथ दक्षिण बस्तर डिविजन कमेटी ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस भीषण बमबारी की कड़े शब्दों में निंदा किया है। विज्ञप्ति में हवाई बमबारी को लेकर तस्वीर और पर्चा भी जारी किया है। जिसमें दो महिलाएं महुआ इकट्ठा कर रही हैं। नक्सली पर्चा के माध्यम से कह रहे हैं कि पुलिस ने गांवों पर लगभग 30 से ज्यादा बम गिराए गए हैं। साथ ही देश के तमाम मजदूरों, किसानों, छात्रों, युवाओं, प्रगतिशील जनवादी बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक संगठनों तथा मजदूर वर्ग व मेहनतकश, मध्य वर्ग की जनता से अपील किया है कि वे पुलिस, अर्ध-सैनिक एवं सैन्य बलों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित ‘कगार’ हमलों के तहत आदिवासी जनता पर जारी इस भीषण रॉकेट बमबारी के खिलाफ आवाज बुलंद करें।

पुलिस को मामले में अनभिज्ञता जाहिर की

इस मामले में बीजापुर और सुकमा जिले के SP ने जानकारी होने से इनकार किया है। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार बीजापुर SP जितेंद्र यादव ने हवाई बमबारी की जानकारी नहीं होने की बात कही है। बीजापुर SP जितेंद्र यादव और सुकमा SP किरण चव्हाण ने इसे अपने क्षेत्र का मामला मानने से इनकार कर दिया है।

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Dinesh Soni

जून 2006 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मेरे आवेदन के आधार पर समाचार पत्र "हाइवे क्राइम टाईम" के नाम से साप्ताहिक समाचार पत्र का शीर्षक आबंटित हुआ जिसे कालेज के सहपाठी एवं मुँहबोले छोटे भाई; अधिवक्ता (सह पत्रकार) भरत सोनी के सानिध्य में अपनी कलम में धार लाने की प्रयास में सफलता की ओर प्रयासरत रहा। अनेक कठिनाइयों के दौर से गुजरते हुए; सन 2012 में "राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा" और सन 2015 में "स्व. किशोरी मोहन त्रिपाठी स्मृति (रायगढ़) की ओर से सक्रिय पत्रकारिता के लिए सम्मानित किए जाने के बाद, सन 2016 में "लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) की तरफ से निर्भीक पत्रकारिता के सम्मान से नवाजा जाना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्यजनक रहा।

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