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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई 122 करोड़ की लागत से बनी नांदघाट-बलौदा बाजार-भाटापारा सड़क…

सालभर में 122 करोड़ की लागत से बना सड़क खराब,
नांदघाट से बलौदाबाजार निर्मित सड़क के मरम्मत में भी लीपापोती
निर्माण के चंद माह बाद ही कई स्थान पर खराब हो गयी है बलौदा बाजार-भाटापारा सड़क।

*रूपेश वर्मा।

अर्जुनी। बलौदाबाजार जिले में एडीबी के द्वारा नांदघाट से बलौदा बाजार प्रोजेक्ट के तहत 122 करोड़ रूपयों की लागत से निर्माण किया गया बलौदा बाजार-भाटापारा मुख्य मार्ग निर्माण के चंद माह बाद से ही कई स्थानों पर खराब हो चुका है। मिडिया द्वारा लगातार इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करने तथा क्षेत्रवासियों द्वारा इस मामले में उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बाद अब संबंधित ठेकेदार द्वारा सड़क का सुधार कार्य कराया जा रहा है; परंतु यह सुधार कार्य भी इतना अधिक काम चलाऊ तरीके से किया जा रहा है कि सड़क दी दशा सुधरने की किसी प्रकार की गुंजाईश नजर नहीं आती है। उक्त सड़क में कई स्थानों पर गड्‌ढों की वजह से लहर बन जाने तथा सड़क का लेवल गड़बड़ा जाने की वजह से इस मार्ग में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ चुकी हैं। पूर्व में भी विभागीय अधिकारियों द्वारा परफारमेंस गारंटी के तहत ठेकेदार से जिस स्थान पर सड़क में गड्‌ढा है उस स्थान पर सड़क को उखाड़कर बनवाए जाने की बात कही गयी थी परंतु अब काम चलाऊ कार्य कराकर महज औपचारिकता को पूरा किया जा रहा है।

विदित हो कि एडीबी द्वारा बीते नांदघाट से बलौदा बाजार प्रोजेक्ट के तहत नांदघाट से लेकर व्हाया भाटापारा-बलौदा बाजार तक मुख्य मार्ग का निर्माण कार्य कराया गया है। लगभग 44-45 किमी लंबे इस सड़क की कुल लागत 122 करोड़ रूपए है। उक्त सड़क निर्माण का कार्य अग्रवाल इन्फ्रा बिल्डकॉन प्राईवेट लिमिटेड, बिलासपुर द्वारा कराया गया है। सड़क निर्माण कार्य बेहद कामचलाऊ तरीके से कार्य किया गया है जिसकी वजह से 122 करोड़ रूपयों की सड़क निर्माण के बाद से ही नांदघाट से बलौदा बाजार के बीच कई स्थानों पर धंसने लगी है। सड़क निर्माण के दौरान संबंधित ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किए जाने, नियमानुसार सही तरीके से रोलिगं तथा क्यूरिंग यानि पानी तराई नहीं किए जाने को लेकर सड़क निर्माण के दौरान ही विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की थी जिसकी ओर विभागीय अधिकारियों द्वारा जानबूझकर ध्यान नहीं दिया गया था जिसके परिणामस्वरूप घटिया निर्माण की पोल साल भर के भीतर ही खुल चुकी है।

आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर सड़क धंस चुकी है 

बलौदा बाजार से भाटापारा की ओर जाने पर कुकुरदी मोड़ के आगे अंबुजा माईंस के पास, ग्राम रवान के आगे, ग्राम खैरी के पास, डीपीएस स्कूल के पास, भाटापारा के ऐन पूर्व एग्रीकल्चर कॉलेज के पास समेत कई स्थानों पर सड़क में वाहनों के टायर के निशान स्पष्ट रूप से नजर आते हैं। वाहनों के गुजरने की वजह से जिस प्रकार बरसात के दिनों में मिट्‌टी के कच्चे रास्ते में नालीनुमा गड्‌ढा बन जाता है उसी प्रकार डामर की नवनिर्मित सड़क पर भी टायर के निशान के साईज में गड्‌ढा नजर आ रहा है। निर्माण के कुछ ही माह के दौरान सड़क का लेवल भी पूरी तरह से असमतल हो गया है तथा सड़क कई स्थानों पर दबकर ऊपर-नीचे यानि असमतल हो चुकी है। विशेषज्ञों ने बताया कि कमजोर रोलिंग तथा पानी तराई की वजह से अब बीटी वर्क यानि डामरीकरण दब रहा है। डामर की सड़क के लिए पानी का जमाव काफी हानिकारक होता है।

निर्माण कामचलाऊ अब मरम्मत भी कामचलाऊ

सड़क के कई स्थानों पर खराब हो जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि विभागीय अधिकारी सड़क की हालत को गंभीरता से लेते हुए सड़क की रिपेयरिंग बेहतर तरीके से कराएंगे। एक्सपर्ट के अनुसार जिस-जिस स्थान पर सड़क दब गयी है इस पूरे स्थान को पूरी तरह से उखाड़कर फिर से रोलिंग कर नए डामरी करण कराए जाने की आवश्यकता है परंतु एडीबी के ठेकेदार द्वारा केवल सड़क की ऊपरी परत को मामूली रूप से छिलकर डामल की पतली परत लगाई जा रही है। जिस कामचलाऊ तरीके से सड़क का निर्माण कराया गया था उसी कामचलाऊ तरीके से कुछ दिनों से मरम्मत कराया जा रहा है जिससे सड़क की हालत बेहतर होने की संभावना नहीं है।

अधिकारी का कहना है :-
बलौदा बाजार-भाटापारा मुख्य मार्ग जिस स्थान पर खराब हुआ है उस स्थान पर संबंधित ठेकेदार अपने रिस्क पर मरम्मत कार्य करा रहा है। इसकी देख-रेख विभाग की कन्सल्टेंस कमेटी करती है। अभी तक ठेकेदार को ओके रिपोर्ट नहीं मिली है।  ~डी.कुमार – कार्यपालन अभियंता, एडीबी, बलौदा बाजार-भाटापारा

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