तेलंगाना से बालोद आ रहे 7 मजदूरो में से एक कोरोना के पाज़िटिव।
बालोद। जिले का एक कोरोना संदिग्ध दुर्ग में मिला है। गनीमत वह अभी बालोद नहीं आया है। लेकिन उसके साथ आए छह मजदूरों को ढूंढा जा रहा है। जिससे जल्दी ही उनका टेस्ट किया जा सके। अभी तो जिला ग्रीन जोन में है। लेकिन जब तक उसके साथ आए 6 अन्य मजदूरों की रिपोर्ट नहीं आ जाती, जिले में दुकानें नहीं खुलेगी सोशल डिस्पेंसिंग का कड़ाई से पालन होगा।
ग्रीन जोन बालोद में शाम 7:00 बजे जब यह खबर आई कि अर्जुंदा ब्लॉक का रहने वाला एक मजदूर दुर्ग में कोरोना पॉजिटिव मिला है, अचानक प्रशासन हरकत में आ गया। जिले की कलेक्टर रानू साहू गुंडरदेही व अर्जुंदा के लिए रवाना हो गई, प्रशासन का टेंशन इस बात से कुछ कम हुआ कि अर्जुंदा ब्लॉक का संक्रमित व्यक्ति अभी बालोद जिला नहीं आया है। जब वह बालोद आ रहा था उसी दौरान उसकी तबीयत खराब हुई और वह दुर्ग जिला अस्पताल में ही एडमिट हो गया। जहां उसका टेस्ट किया गया और अभी उसके पॉजिटिव होने की जानकारी मिल रही है। लेकिन जिला प्रशासन की चिंता अब इस बात को लेकर बढ़ गई है कि, उस मजदूर के साथ-6 मजदूर बालोद आ रहे थे, जिनमें से अन्य छह मजदूर बालोद पहुंच चुके हैं। जिसमें गुंडरदेही मालीघोरी के मजदूर शामिल है।
जिले में फंसे श्रमिकों को उनके गृह राज्य या जिले तक भेजने हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त
बालोद। कलेक्टर रानू साहू ने आदेश जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित लाॅकडाउन से विभिन्न राज्यों/जिलों के श्रमिक बालोद जिले में फंसे हुए हैं। ऐसे श्रमिकों को उनके गृह राज्य/जिले तक भेजने हेतु अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ए के बाजपेयी को नोडल अधिकारी और डिप्टी कलेक्टर प्रेमलता चंदेल को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला प्रशासन बालोद के द्वारा इससे पहले दुसरे जगह से आये मजदूरों को भोजन आवास जैसे व्यवस्था कराई गई थी केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के आदेश के बाद इन मजदुरो की घर जाने का रास्ता साफ हो गया है।
प्रशासन रात में ही उन स्थानों पर जाकर उनकी खोजबीन शुरू कर उनका टेस्ट करवा रहा है। और उन्हें क्वारेंटाइन किया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर रानू साहू ने बताया कि अर्जुंदा ब्लॉक का मजदूर अभी बालोद नहीं आया है, लेकिन उसके साथ जो मजदूर आए हैं उनका हम टेस्ट करवा रहे हैं और उन्हें क्वारेंटाइन कर रहे हैं अभी मैं गुंडरदेही में ही हूं। उन्होंने कहा की बदली हुई परिस्थितियों में कल से जिले की दुकानें नहीं खुलेंगी व सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होगा। साथ ही जो 6 मजदूर बालोद जिले में आए हैं उनसे जो भी संपर्क में आया है उन्हें भी क्वॉरेंटाइन किया जाएगा।
कवर्धा में महाराष्ट्र से लौटे 6 मजदूर निकले कोरोना पॉजिटिव, राहत कैंप में 5 दिन से क्वारेंटाइन में
कबीरधाम जिले में महाराष्ट्र से लौटे 6 मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। रविवार देर शाम को एम्स रायपुर से जांच रिपोर्ट आई, जिसके आधार पर सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने मामले की पुष्टि की है। अब तक ग्रीन जोन में रहने वाले कबीरधाम जिले में कोरोना के एक साथ 6 केस सामने आने से प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के मुताबिक पॉजिटिव पाए गए सभी 6 मजदूर कबीरधाम जिले के रहने वाले हैं। ये सभी कमाने-खाने के लिए महाराष्ट्र गए हुए थे। देशभर में संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में फंसे थे।
5 दिन पहले ही ये सभी मजदूर पैदल कबीरधाम जिला पहुंचे थे, जिन्हें स्क्रीनिंग के बाद रेंगाखार और समनापुर जंगल के राहत कैंप में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने 1 मई को कोविड- 19 की जांच के लिए इन मजदूरों का सैंपल जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा था। रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रविवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि देर शाम को रिपोर्ट मिलने पर रेंगाखार और समनापुर जंगल को सील करने आदेश दिए गए हैं। ज्ञात हो की प्रदेश से अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी के सरकारी आदेश के पहले ही कई मजदूरों ने सरकारी राहत नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े थे इससे पहले जिला प्रशासन बालोद के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद कह चुके हैं कि शासन के पास जिला के मजदूरों की संख्या जो बताये जा रहे हैं वह कम है।
बालोद जिला प्रशासन के साथ राज्य सरकार की अनदेखी के चलते छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस की ग्राफ बढ़ रहा है पूरे देश और दुनिया के लिए मिशाल कायम कर चुकी प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण भरा वक्त हो सकता है साथ ही लापरवाही से बहुत कुछ सीखा भी जा सकता है।
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