फर्जी नक्सलियों से एक साल से परेशान था सरपंच।
पुलिस ने विशेष योजना बनाकर आरोपियों को रंगे हाथों धर दबोचा।
गरियाबंद (hct)। जिले के ग्राम जड़जड़ा के सरपंच शत्रुहन ध्रुव एवं उप सरपंच हुकुमलाल साहू ने थाना कोतवाली गरियाबंद में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया और बताया कि पिछले वर्ष जनमाष्टमी के दिन कोई रात में घर का दरवाजा खटखटाया, झांककर बाहर देखा तो 04-05 लोग दिख रहे थे, दरवाजा खोला तो 03 लोग अंदर आये और अपने आपको नक्सली सदस्य होना बताये, अपने साथ पिस्टल, बटनदार चाकू, दो बंदूक जैसा हथियार रखे थे। उन लोगों ने कहा कि आंध्रा के नक्सली ने उन्हे पैसा लेने भेजा है। तुम अभी 50 हजार रूपये दो, रूपये नही है बोलने पर, नक्सलियों ने जो है उसी को दो और कनपटी पर बंदूक लगाकर कहा कि पैसा नही दोगे तो जान से मार देंगे और परिवार को तबाह कर देंगे। तब सरपंच ने डर कर घर में रखे 15 हजार रूपये को दिया और खाने का सामान मांगने पर सामान भी दिया। जाते-जाते नक्सलियों ने कहा कि तुम्हारा 50 हजार व उप सरपंच का 50 हजार लेकर रखना। 04-05 दिनों के अंदर पैसा तैयार रखना हम कभी भी आकर ले सकते है। यदि किसी को या पुलिस को सूचना दिया या बताया तो उसका परिणाम तुम्हे भुगतना पड़ेगा, कहकर चले गये। ग्राम जड़जड़ा के सरपंच शत्रुहन ध्रुव ने बताया कि मेरे पास पैसा नही होने पर मेरे मोटरसायकल को बेच दिया व उप सरपंच से भी पैसा लेकर रखा था। हथियारधारी नक्सली 04 दिन बाद आये जिन्हे सरपंच ने 01 लाख रूपये दिया। 15 अगस्त के दूसरे दिन जड़जड़ा सरपंच के घर नक्सली फिर आये और रूपये तैयार रखने की धमकी देकर चले गये। तब सरपंच ने अपने जमीन बेचकर रूपये की व्यवस्था की और नक्सलियों के आने पर उन्हे दिया। उप सरपंच के घर से 04 साड़ी व खाने, पीने का सामान भी ले गये। दीपावली के दूसरे दिन नक्सली फिर से आ धमके और जो रूपये है उसको दो और एक कट्टा चावल धमका कर ले गये। उक्त घटना की रिपोर्ट पर अज्ञात नक्सलियों के विरूद्ध थाना कोतवाली गरियाबंद में अपराध क्रमांक 253/2019 धारा 384,34 भादवि एवं 25 आम्र्स एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विशेष योजना बनाई पुलिस ने
अपराध पंजीबद्ध होने के बाद गरियाबंद जिले के पुलिस अधीक्षक एम.आर. आहिरे द्वारा अपनी टीम को सक्रिय करते हुए इस सूचना की तस्दीक करने लगे। कल दिनांक 27 नवम्बर को रात्रि में पुलिस अधीक्षक श्री एम.आर. आहिरे को अज्ञात नक्सलियों के मुव्हमेंट की सूचना ग्राम जड़जड़ा, छिदौला, खट्टी की तरफ होने की मिली थी, अंदेशा था कि जड़जड़ा सरपंच के घर वसूली के लिए फिर से आ सकते है। इस सूचना के आधार पर कोतवाली थाना एवं ई-30 टीम को आवश्यक दिशा निर्देश देकर जड़जड़ा की ओर रवाना किया गया था। पुलिस दल दो टीम में बटकर छुपाव हासिल कर नाकाबंदी कर रहे थे। इसी बीच कुछ लोगों की आहट सूनाई दी, पुलिस टीम द्वारा कौन है पुछने पर, अचानक से 02-03 राउण्ड फायरिंग हुई, पुलिस टीम द्वारा भी आत्मरक्षार्थ जवाब में फायर किया गया। फायरिंग बंद होने पर थोड़ी देर बाद उजाला होने पर घेराबंदी कर सर्चिग किये, तो वही झाड़ियों में 02 वर्दीधारी व 04 अन्य व्यक्ति जो सादे कपड़े में थे को मौके पर पुलिस टीम द्वारा अभिरक्षा में लिया गया। 02 वर्दीधारी जिसमें से एक के पास भरमार व दुसरे के पास बंदुक जैसा हथियार मिला। संदेही आरोपियों को थाना कोतवाली गरियाबंद लाकर पृथक-पृथक पुछताछ किया गया। जिसमें वर्दीधारी गौतम चक्रधारी ने बताया कि वे लोग खाने-पीने के शौकिन है, पैसे की कमी होने से गिरफ्तार अन्य साथियों बादल सिंह, रोशन निषाद, मुकेश भोई, संतोष निषाद, लेखराम निषाद के साथ फर्जी नक्सली संगठन बनाकर जड़जड़ा के सरपंच शत्रुहन के घर बंदुक लेकर 50 हजार रूपये वसूले थे, बाद में 75 हजार रूपये और लिये। उसी रकम से हथियार और वाकी-टाकी सेट खरीदे थे। इसी प्रकार सभी संदेहियों से अलग-अलग पुछताछ करने पर फर्जी नक्सली संगठन बनाकर आसपास के गांव के सरपंच, सचिव, उप सरपंच को डरा धमका कर पैसा वसूल करना बताये। संदेहियों ने अपने पास रखे हथियार एवं 02 पल्सर मोटर सायकल को घटना स्थल के पास छुपाना बताये। जिसे आरोपियों के मेमोरेण्डम के आधार पर जप्त किया गया। उक्त आरोपियों के द्वारा विधि विरूद्ध जमाव का सदस्य बनकर धातक आयुध से सज्जित होकर पुलिस पार्टी पर हत्या करने के नियत का कृत्य पाये जाने से थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 254/2019 धारा 147,148,149,307 भादवि, 25, 27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लेकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड हेतु माननीय न्यायालय पेश किया गया।
पूर्व आरोपी गौतम
आरोपी गौतम चक्रधारी ग्राम करेली थाना शोभा का मूल निवासी है, पूर्व में यह नक्सलियों के साथ रहा है और नक्सलियों के साथ क्षेत्र में घुमा है। नक्सलियों की गतिविधियों से भलीभांति परिचित है, जो हाल डाक बंगलापारा गरियाबंद में निवासरत है। आरोपी गौतम चक्रधारी ने बताया कि एशो आराम की जिन्दगी जीना और मोटरसायकल का शौक के कारण अपने साथियों के साथ योजना बनाकर प्रारंभिक तौर पर ग्राज जड़जड़ा के सरपंच से 15 हजार रूपये नक्सली बनकर वसूल किया। पैसे आते गये तो हथियार, वाकी-टाकी एवं अन्य सामान लेते गया। नक्सलियों की भाषा शैली में लोगों धमका कर बात करने से लोग उस पर विश्वास कर लेते थे कि वह नक्सली है और डर कर रूपये-पैसे दे देते थे।
दीदी कामरेड से सरपंचों में दहशत
गरियाबंद जिले के विभिन्न ग्रामों के सरपंच, उप सरपंच, सचिवों को नक्सलियों द्वारा जान से मारने और परिवार को तबाह करने की धमकी से वसूली की रिपोर्ट सीधे थाने में नही आ रही थी, लोग भयग्रस्त थे, सरपंच, उप सरपंच, सचिवों के मध्य दहशत का वातारण इन नक्सलियों के कारण व्याप्त था, इसलिए लोग रिपोर्ट करने से घबरा रहे थे। महिला नक्सली होने का दिखाते थे भय , उक्त गिरोह में आरोपी बादल सिंह महिलाओं की तरह लंबे बाल रखा है। जब वसूली के लिए किसी गांव जाते थे, तो उसे महिला बना दे देते थे और दीदी कामरेड दीदी कामरेड चिल्लाते थे। जिससे ग्रामीणजन महिला नक्सली समझकर उनके गिरोह को असली नक्सली समझकर डर जाते थे।
दिन में रेकी, रात में उगाही
दिन में रेकी कर गांव के सरपंच के घर को देख लेते थे और रात में योजना बनाकर सरपंच से मिलकर पैसा उगाही हेतु डराते-धमकाते थे और 04-05 दिन का समय पैसा इकठ्ठा करने के लिए थे और साथ में एक चिट्ठी देते थे जिसमें सरपंच से 50 हजार, उप सरपंच से 50 हजार एवं सचिव से 50 हजार रूपये इकठ्ठा करने की धमकी रहती थी। साथ ही किसी को बताओगे तो जान से हाथ धोना पड़ेगा और तबाह कर दिये जाओगे लिखा होता था।
हथियार
बंदूक जैसा हथियार, भरमार, पिस्टल, बटनदार चाकू, गंडासा इत्यादि समानों को बोरे में छिपाकर अपने मोटर सायकल से रेकी किये हुए गांव में पहुंच जाते थे और गांव से बाहर गाड़ी को छोड़कर नक्सली की वर्दी पहनकर सरपंच, उप सरपंच व सचिव के घर धमक जाते थे और वाकी-टाकी से कामरेड-कामरेड बात कर पीछे और भी साथी होने का अहसास दिलाते थे।
गरियाबंद जिले के लगभग 12-15 गांव के सरपंच, उप सरपंच व सचिव से आरोपीगण नक्सली बनकर भारी रकम की वसूली कर चूके है। इस बात की सूचना अपुष्ट सूत्रों से पुलिस अधीक्षक गरियाबंद श्री एम.आर. आहिरे को मिलने पर विशेष टीम तैयार किया गया और पुलिस अधीक्षक गरियाबंद लगातार इसकी मानिटरिंग करते रहे और लगातार नक्सलियों की निगरानी के कारण गरियाबंद पुलिस को यह सफलता प्राप्त हुई। इस कार्यवाही में ई-30 गरियाबंद एवं थाना कोतवाली की सराहनीय भूमिका रही।
गिरफ्तार आरोपी
गौतम चक्रधारी पिता जनकराम उम्र 30 वर्ष ग्राम करेली थाना शोभा, हाल डाकबंगला गरियाबंद, बादल सिंह पिता स्व. वीरा सिंह उम्र 32 वर्ष ग्राम दर्रापारा गरियाबंद, रोशन निषाद पिता विजय निषाद उम्र 28 वर्ष सुभाष गरियाबंद, मुकेश कुमार भोई पिता महेन्द्र सिंह भोई उम्र 23 वर्ष सुभाष चौक गरियाबंद, संतोष कुमार निषाद पिता स्व. रैनूराम निषाद उम्र 31 वर्ष सुभाष चौक गरियाबंद, लेखराम निषाद पिता दयाराम उम्र 18 वर्ष ग्राम मोचीडीह (चंपारण) हाल डाकबंगला गरियाबंद।