भरी बरसात में सरपंच ने बदल डाली मुख्य मार्ग की मूरत…
ग्राम प्रधान के प्रयास से बागतराई की गलियां हो गई बाग बाग
छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है, यहाँ की अधिकांश आबादी गाँवो में बसती है जहाँ मुख्यतः लोग अपना ज्यादा समय खेत खलिहान में बिता देते है और बारिश का मौसम आते ही सुविधा संपन्न मध्यम और बड़े किसान खेतों में फसल लगाने के आधुनिक उपकरण (ट्रेक्टर) के साथ निकल खेतों को ओर, और जब लौटते हैं अपने घरों को तो मिट्टी-कीचड़ से सना ट्रेक्टर अनजाने में ही शहर, नगर और गाँव की डगर की ऐसी दुर्दशा कर देते है जहाँ से सायकल-मोटर सायकल से तो दूर पैदल चल पाना भी कठिन होता है। ऐसे में यदि कोई बिगड़े मार्ग को बनाने की सोंचे तो उसके जज़्बे को सलाम करना तो बनता है।
गुरुर (बालोद) hct : जनपद के अंतर्गत आने वाला जिला का अंतिम छोर में बसा ग्राम बागतराई गाँव का मुख्य मार्ग बरसात के चलते मारे कीचड़ के अपनी बदहाली की आंसू रो रहा था। ग्रामीणों को आने जाने में हो रही दिक्कतों को देख सरपंच चिन्ता राम, चिंतित हो उठे और उन्होनें ग्रामीणों को इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने की मन में ठान तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर मुख्य मार्ग की जर्जर हालात को बदल डाली।
माद्दा : कीचड़ युक्त माहौल से छुटकारा
उन्होंने मुरुर की व्यवस्था कर पानी और कीचड़ से भरे रास्ते को कर ठीक करवाकर आने जाने में हो रही परेशानी को अस्थाई तौर पर समाप्त कर दिया। एक रास्ता ऐसा भी रहा जिसमें चारपहिया वाहन का घुसना भी मुश्किल था मगर सरपंच के दिशा निर्देशन में मेहनतकश ग्रामीण (मजदूरों) के सहयोग से मुरुम डालने का कार्य बदस्तूर जारी रहा है क्योंकि मामला गाँव वालों को कीचड़ युक्त माहौल से छुटकारा दिलाने का था।
बदलेंगे बिगड़ी डगर की हालात
सरपंच ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि फ़िलहाल अभी तो गांव के मुख्य मार्ग में ही तब्दील किया जा रहा है लेकिन बारिश की विदाई होते ही गांव की तमाम बिगड़ी डगर की हालात को बदलने की पुरजोर प्रयास किया जाएगा जिससे किसी भी ग्रामीण भाइयों और माता-बहनो को कम से कम आने जाने में कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। बारिश के थमते ही इकट्ठा कर रखे मुरुम को पूरी तरह से खराब रास्ते मे जल्द डालने का कार्य किया जाएगा।