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Chhattisgarh

मजदूर मजबूर है आज चौकीदारों के पनाहों तले….

विनोद नेताम
(संवाददाता)

बालोद। देश के सियासतदारों की निगेहबानी के बावजूद मजदुर इन दिनों कई प्रकार के मुसीबतों से उलझे पड़े हैं। हालत यह है कि पेट के खातिर अपनी बेजोड़ कार्यकुशलता से दुनिया में नव निर्माण की आधारशिला रखने वाले मजदूर आज भूखों मरने को मजबूर हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बनने से अब तक प्रदेश के सत्तारूढ़ दलों ने प्रदेश में गरीबों की आंकड़े बेहतर बताने की हर संभव कोशिश की है, लेकिन प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखे तो सरकारी आंकड़े सिर्फ कागज के शेर नजर आते हैं। कांग्रेस पार्टी के आला नेताओं ने केन्द्र सरकार से मजदूरों से सम्बन्धित नीतियों पर सवाल उठाते हुए कई बात कही है और कहीं गई बात भी बिलकुल सहीं है। पार्टी के आला नेताओं की बातों पर प्रदेश के भूपेश बघेल की सरकार अपने राज्य के मजदूरों के लिए जमीनी स्तर पर क्या कर रही है; यह देखना होगा।

जिला के अंतिम छोर पर बसा आदर्श ग्राम कवंर है, जो अपनी पौराणिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। कवंर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत सरकारी स्कूल में प्रवासी मजदुर की वापसी हुई है।

राज्य सरकार के निर्देशों का घज्जियाँ उड़ाते हुए कवंर पंचायत के सरपंच पति व कुछ नेताओ के द्वारा धमकी दिये जाने की बात सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई है। इससे पहले मजदूर युवक को बैगर किसी के देखरेख और सुविधाओं की कमी को लेकर कवंर पंचायत के बुद्धिजीवियों ने आवाज उठाई थी, लेकिन सरपंच पति और नेताओं की चेतावनी के बाद लोगों में दहशत की माहौल बन गया था जिसके बाद आज प्रवासी मजदूर जिस स्कूल में क्वांटाईन के लिए ठहरे हुए हैं; वहाँ पर कुछ सुविधाओं पर ध्यान दिया गया है।

देश के मजदूर अपने अधिकार मांगने के लिए कभी सरकारी नुमाइंदो के दफ्तरों में बैठा नहीं करते हैं; बल्कि लाईन में लगकर ईमानदारी से अपनी बारी का इंतजार करते हैं। अपने हुनर से दुनिया को बेहतर बनाने वाले मजदूरों के साथ इस तरह के बर्ताव कहाँ तक उचित है ? स्वंय विचार करें। वहीं कवंर पंचायत के सरपंच और पंचों की मानें तो मजदूर युवक को किसी भी प्रकार की असुविधा या फिर कमी नहीं हुई है। क्वारंटाइन में रह रहे युवक भी पंचायत की व्यवस्था से संतुष्ट हैं, लेकिन आदर्श ग्राम कवंर पंचायत में जिस तरह से युवक को सुरक्षित सुविधा की बात कही जा रही है; वह महज दिखावा है। पंचायत की ओर की गई व्यवस्था में भोजन से लेकर चौकीदारी तक में लापरवाही की जा रही है। ज्ञात हो की दो दिन पहले ही जिला के क्वारंटाइन सेंटर में एक युवक ने आत्महत्या कर जान गंवा दिया है।

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