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मरकर भी चैन न आया तो कहाँ जाएंगे ?

*हेमंत साहू (अकलवारा)
बालोद। मरने के बाद भी सुकून नहीं, ऐसा पांडेपारा मुक्तिधाम पर चरितार्थ हो रहा है। दाह संस्कार स्थल पर शेड तो है पर शेड के ऊपर से टीन गायब है। ऐसे में बारिश के दिनों में पांडेपारा मुक्तिधाम में दाह संस्कार में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जिला योजना समिति के सदस्य और पार्षद नितेश वर्मा ने मुक्तिधाम में बारिश के दिनों में दाह संस्कार या अन्त्येष्टि क्रिया में होने वाली असुविधा के चलते मुख्य नगर पालिका अधिकारी के नाम सहायक अभियंता सलीम सिद्दिकी को ज्ञापन सौंपकर पांडेपारा मुक्तिधाम के शेड में अविलंब टीन लगाने की मांग की है। सदस्य और पार्षद ने आरोप लगाते हुए कहा कि, बालोद नगरपालिका में विकास कार्य सिर्फ कागजो और जिम्मेदारों की जुबान पर ही नजर आता है धरातल पर शून्य है। ज्ञात हो कि, तांदुला नदी के किनारे पांडेपारा मुक्तिधाम में पांडेपारा के अलावा नयापारा, मरारपारा, टिकरापारा से पार्थिव देह को दाह संस्कार के लिए लाया जाता है।

शेड है पर टीन नही, बारिश में कैसे होगा अंतिम संस्कार

दो-तीन माह पहले जर्जर हो चुके टीन को बदलने के नाम पर निकाला गया था लेकिन बारिश शुरू हो जाने के बाद भी शेड में अब तक टीन नही लगाया जा सका है। और न ही इस ओर पालिका प्रशासन का ध्यान है। ऐसे में भरी बारिश में दाह संस्कार कैसे होगा ये सवाल बना हुआ है।
बारिश में पार्थिव शरीर का कैसे होगा दाह संस्कार, कैसे मिलेगी मुक्ति
 नगर पालिका की लापरवाही व अनदेखी के चलते खाली पड़े शेड में टीन नही लग पाया है। कुल मिलाकर पांडेपारा के मुक्तिधाम में बारिश के दिनों में पार्थिव शरीर को बिना कोई अवरोध के मुक्ति मिले ऐसी व्यवस्था नही है।
सुविधाओं का अभाव, उधार की बिजली से चलता है बोर
 मुक्तिधाम में अन्य सुविधाओं का अभाव बना हुवा है। विद्युत कनेक्शन न होने के चलते उधार की बिजली से बोर चालू कर पानी की व्यवस्था की जाती है।
मुक्तिधाम पर उदासीनता की मार, विकास के दावें खोखले
 विकास के दावे फेल और खोखले साबित हो रहे हैं। मुक्तिधाम जैसे स्थानों पर सुविधाओं के नाम पर उदासीनता बरती जा रही है। दाह संस्कार के स्थान पर बिना टीन का शेड अपनी बेबसी बया कर विकास की बाट जो रहा है।

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