सहकारी बैंक की दीवार में छेदकर साढ़े सात लाख रुपये ले गए, एक ही दराज चोरों ने क्यों खोला
मध्य प्रदेश में दमोह के तेंदूखेड़ा के तेजगढ़ थाना क्षेत्र में स्थित सहकारी समिति बैंक का है मामला। सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक थी, जिसमें जिले भर के आला अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी। आम जनता भी सिंग्रामपुर पहुंची थी। चोरी की किसी को भनक नहीं लगी। बैंक प्रबंधक पंकज मिश्रा ने शिकायत तेजगढ़ पुलिस से की।

HIGHLIGHTS
- कैबिनेट बैठक के चलते पुलिस सिंग्रामपुर ड्यूटी में लगी थी।
- दूसरी दराज में रखे 15 लाख 50 हजार चोरी होने से बच गए।
- चोरी की किसी को भनक नहीं लगी और मामला दब गया।
तेंदूखेड़ा दमोह (Damoh Crime)। तेजगढ़ थाना क्षेत्र में स्थित सहकारी समिति बैंक की शाखा में चोरों ने दीवार में छेद कर साढ़े सात लाख रुपये की चोरी की घटना को अंजाम दिया है। बैंक प्रबंधन को इस बात की जानकारी लगी, कैबिनेट बैठक के चलते पुलिस सिंग्रामपुर ड्यूटी में लगी थी। रात को ही बैंक पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
दूसरी दराज तोड़ने से पहले ही भाग निकले
अज्ञात चोरों ने लाकर का एक दराज तोड़कर उसमें से रखे सात लाख 50 हजार रुपये निकाल लिए जबकि दूसरी दराज को खोलने में संभवत: वह सफल नहीं हो पाए जिससे दराज में रखे 15 लाख 50 हजार रुपये चोरी होने से बच गए। हालांकि मामला पूरा संदिग्ध बना हुआ है कि आखिर एक दराज ही क्यों चोरी ने खोली।
बैंक प्रबंधक ने शिकायत तेजगढ़ थाने में दर्ज कराई
दरअसल पांच अक्टूबर को सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक थी, जिसमें जिले भर के आला अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी। आम जनता भी सिंग्रामपुर पहुंची थी। चोरी की किसी को भनक नहीं लगी और मामला दब गया। बैंक प्रबंधक पंकज मिश्रा ने मामले की शिकायत तेजगढ़ पुलिस थाने में दर्ज कराई।
डाग स्क्वाड और एफएसएल टीम खोज रही चोरों को
पुलिस ने डाग स्क्वाड और एफएसएल टीम के सहयोग से चोरों का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन अभी कोई सफलता नहीं मिली। बैंक प्रबंधक पंकज मिश्रा ने बताया कि सहकारी समिति के अंदर ही यह शाखा संचालित होती है। बैंक में 22 लाख तिजोरी में रखे थे जो अलग-अलग दराज में थे। दीवार में छेदकरके साढ़े सात लाख ले गए और 15 लाख दूसरी दराज में रखे थे जो चोरी होने से बच गए। बैंक में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन उनमें कुछ खराबी आ गई है।
पूरा मामला लग रहा संदिग्ध
पूरे मामले में सबसे ज्यादा संदिग्ध बात सामने आई है वह यह है कि जब चोर चोरी करने के उद्देश्य से आए ही थे तो वह केवल 7.50 लाख ही क्यों ले गए, 15 लाख क्यों छोड़ दिए। जब वह एक दराज तोड़ सकते हैं तो क्या उन्होंने दूसरी दराज तोड़ने का प्रयास नहीं किया होगा। बैंक के अधिकारी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। यही बात पुलिस को भी समझ नहीं आ रही है की जब चोरों को चोरी ही करनी थी तो वह इतने पैसे क्यों ले गए।