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जशपुर की मनोरमा मिश्रा ने किया नेत्रदान, जीवित रहते फार्म भर जताई थी अंतिम इच्छा, बच्चों ने की पूरी आखरी ख्वाइश।

दीपक वर्मा, संवाददाता
जशपुर।

जशपुर (hct)। जशपुर जिला मुख्यालय में एक बार फिर समाज के प्रति समर्पित वृद्ध महिला के मृत्यु उपरांत नेत्रदान किया गया। यह जशपुर जिले में दूसरा अवसर है जहां सबसे बड़े पुण्य का कार्य संपन्न हुआ। दिवंगत महिला मनोरमा मिश्रा 87 वर्ष की थी और जीवित रहते उनकी आखरी इच्छा थी कि उनके नेत्र का लाभ किसी जरूरतमंद को मिले। परिजनों की भी प्रबल इच्छा थी की मनोरमा मिश्रा की इच्छा वे पूरा करें और नेत्रदान की प्रक्रिया की जाए।

जानकारी के मुताबिक नगर के विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाली मनोरमा मिश्रा कुछ दिनों से अस्वस्थ थीं और उनकी अंतिम इच्छा थी के वे नेत्रदान करें। उनके परिवार के कुछ सदस्य स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सेवा दे रहे हैं और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में विशिष्ट पहचान है।मनोरमा मिश्रा अपने पीछे बेटे, बहु, नाती, पोते रवि मिश्रा, शिव प्रकाश, ग्रिरेंद्र मिश्रा, शशिभूषण मिश्रा, सविता मिश्रा, सुशिला मिश्रा सहित 6 बेटे बेटियां व भरा परिवार छोड़ गईं, लेकिन एक आदर्श मिसाल भी अपने पीछे छोड़ गई हैं।

दिवंगत मनोरमा मिश्रा की बहु सविता मिश्रा ने बताया कि वह स्वास्थ्य विभाग में नेत्र सहायक के रूप में कार्य करती हैं और अपनी सासू माता मनोरमा मिश्रा के बहुत करीब रही है। सविता मिश्रा ने बताया कि अक्सर माताजी कहती थी कि वह चाहती है अपना नेत्रदान करें। जिससे कि मरणोपरांत भी उनके माध्यम से किसी को नई रोशनी मिल सकें। इसे देखते हुए पूरे परिवार ने सहमति जताकर माता मनोरमा मिश्रा के अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया और उनके निधन की तत्काल जानकारी नेत्र विभाग को देकर नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की।

नेत्र विभाग की टीम ने किया ऑपरेशन

परिजनों के द्वारा सूचना दिए जाने के बाद जशपुर स्वास्थ्य विभाग व नेत्र विभाग की टीम मनोरमा मिश्रा के घर पहुंची और ऑपरेशन की प्रक्रिया पूरी करते हुए इस नेत्रदान को सफल बनाया। इस दौरान आरएमओ डॉ अनुरंजन टोप्पो, नेत्र चिकित्सक डॉ क्रेंसिसिया, विभाग के नकुल साहू, कुशवाहा सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। नेत्र विशेषज्ञ डॉ क्रेंसिसिया के नेतृत्व में पूरी प्रक्रिया की गई। आरएमओ डॉ अनुरंजन टोप्पो ने बताया कि परिजनों की इक्षा व सहमति से यह प्रक्रिया पूरी करते हुए आवश्यक अंग रायपुर भेजा गया।

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