राष्ट्रपति द्वारा बालोद जिला प्रशासन का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान।

बालोद hct : विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार एवं जल संचय–जन भागीदारी अवॉर्ड समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा को पूर्वी जोन में बेस्ट परफॉर्मिंग जिले का प्रथम स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया। इस उपलब्धि पर जिले को 2 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति
इस राष्ट्रीय समारोह में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, राज्य जल संसाधन मंत्री श्री वी. सोमन्ना सहित विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित होना बालोद जिले के लिए गौरव का क्षण रहा।
कलेक्टर मिश्रा ने जिलेवासियों को दिया सम्मान का श्रेय

सम्मान प्राप्त करने के बाद कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने इस उपलब्धि का श्रेय जिले के जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, अधिकारी-कर्मचारियों और सभी नागरिकों को दिया। उन्होंने कहा कि “जिले की सामूहिक भागीदारी और अथक प्रयासों से ही यह सफलता संभव हो पाई है।”
जल संरक्षण में बालोद मॉडल: व्यापक और प्रभावी कार्य
‘जल संचय, जन भागीदारी’ (JSJB 1.0) अभियान के अंतर्गत बालोद जिले में जल संरचना निर्माण से लेकर जल स्रोतों के पुनरुद्धार तक कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए। इन कार्यों ने जिले को राष्ट्रीय मूल्यांकन में शीर्ष पर पहुंचाया।
जिले में किए गए प्रमुख जल संरक्षण कार्य
1 लाख से अधिक नए जल संरचनाएं : अभियान के तहत जिले में 1,06,677 नई जल संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिससे जल संग्रहण क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई।
30 हजार से अधिक पुराने स्रोतों की मरम्मत : पूर्व निर्मित 30,849 जल स्त्रोतों की मरम्मत, सफाई और पुनर्जीवन सामुदायिक श्रमदान के माध्यम से किया गया।
ग्राम पंचायत स्तर पर जल भराव क्षेत्रों की पहचान : प्रत्येक पंचायत में जल भराव वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर नए जल स्रोतों का सुनियोजित निर्माण किया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना में 10 हजार वाटर रिचार्ज पिट : पीएम आवास योजना के अंतर्गत बने घरों में 10,000 रिचार्ज पिट स्थापित हुए, जिससे जल पुनर्भरण में वृद्धि हुई।
वन क्षेत्रों में संरक्षण और पौधरोपण : लवन क्षेत्रों में 3,88,000 पौधों का रोपण, साथ ही बड़े पैमाने पर मृदा एवं जल संरक्षण कार्य किए गए।
ग्रामीणों की स्वप्रेरणा से 27 हजार सोकपिट निर्माण : अभियान से प्रेरित होकर ग्रामीणों ने अपनी निजी राशि से 27,000 से अधिक घरों में सोकपिट बनाए।
स्टैगर्ड कंटूर ट्रेंच और अमृत सरोवर : जिले में 1,09,027 स्टैगर्ड कंटूर ट्रेंच तैयार किए गए और कुल 140 अमृत सरोवर का निर्माण किया गया।
व्यापक जल संरचना विकास
- 1,944 सामुदायिक तालाब
- 6,160 निजी डबरी/तालाब
- 399 मिनी परकुलेशन टैंक
- 6,614 लूज बोल्डर चेक डैम
- 672 नदियों का पुनरुद्धार
- 69 स्टॉप डैम
- 316 गेबियन चेक डैम
- 423 कुओं का निर्माण
- कुल 44,049 वाटर रिचार्ज पिट
इन सभी कार्यों ने संयुक्त रूप से बालोद को भारत सरकार के मानकों पर सर्वोच्च प्रदर्शनकर्ता जिला बनाया।






