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नौकरी के नाम पर ठगी का धंधा, फलफूल रहा शातिर बंदा… I

इधर भी गधे हैं; उधर भी गधे हैं, जिधर देखता हूं गधे ही गधे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री मरहूम अजीत जोगी ने कहा था “अमीर घरती के गरीब लोग” मेरा ३६गढ़ वाकई बेहद अमीर है साहब, यहाँ सब कुछ है। नहीं है तो बस “नौकरी” और इसी नौकरी के चाह में कुछ भोले-भाले लोग फंसकर फड़फड़ाते नजर आते है और फंस जाने/ ठगे जाने का आभास होते ही न्याय के लिए दर दर ठोकरे खाते-गुहार लगाते हमारे आसपास प्रायः देखने को मिल जाता है।
३६गढ़ जैसे पिछड़े राज्य में “सरकारी नौकरी” सफेद हाथी हो चुकी है। जोगी जी से लेकर रमन सिंह जी का पंद्रह बरस और फिर भूपेश बघेल जी जैसे राजनीति के शातिर नेताओं ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को नौकरी का सब्जबाग दिखाकर सिवाय छलने के अलावा कुछ नहीं किया। वहीँ सरकारी नौकरी का मंसूबा पाले हजारों युवा गृहस्थी के बंधन में बंध गए तो अनेक ज्ञात युवा इसी नौकरी की चाह में ठगी के शिकार होकर लाखों रूपए से हाथ धो बैठे।

पत्रकारिता की आड़ में ठगी का जाल

बालोद hct desk : जिला के गुरुर और गुंडरदेही और डौंडी लोहरा क्षेत्र में पत्रकारिता की आड़ लिए कुछ मौका परस्त लोगों के द्वारा, इलाके के भोले-भाले नागरिकों को पत्रकार होने का तमगा दिखा; नेताओं और अधिकारियों से नजदीकी का वास्ता देकर ठगी और ब्लैकमेलिंग के कार्य को बेख़ौफ़ अंजाम दिया जा रहा है। एक ताजा मामला उजागर होने से इस बात का पुख्ता प्रमाण सामने आया है।

भूपेश बघेल का दामाद बनकर डकार लिया लाखों !

आरोपी : खिलावन चन्द्राकर

सन 2019 मार्च महीने में हुई ठगी का मामला अब जाकर रंग लाने लगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत कार्यकाल में डौंडी लोहरा जनपद के तहत ग्राम पंचायत करतूटोला में श्रीमती चंपा साहू पति घनश्याम दास साहू सरपंच थे, उक्त कार्यकाल में एक तथाकथित पत्रकार “खिलावन चन्द्राकर” नाम के एक शख्स का पंचायत कार्यालय में कदमताल हुआ करता था। इसी दरमियान उन्होंने सरपंच पति को अपने प्रभाव में ले लिया और तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रिश्ते में अपना मामा-ससुर बताकर, घनश्याम दास के पुत्र को नौकरी लगवाने के नाम पर लब-ओ-लुआब की चाशनी के घोल में पूरी तरह लपेट लिया।

पीड़ित : घनश्याम दास साहू

माखी गुड में गडी रहे, पंख रहे लिपटाए

बकौल घनश्याम साहू, खिलावन चंद्राकर की बातों में आकर 29 जुलाई 2019 को आईसीआईसीआई बैंक, शाखा बालोद, खाता क्रमांक 328201000260 से 50,000/- (पचास हजार रुपये) “खिलावन चंद्राकर” की पत्नी कमलेश्वरी चंद्राकर के बैंक खाते में (MMT IMPS-920807710750) भुगतान किए जाने का प्रमाण; डिजिटल मीडिया “www.highwaycrimetime.in को प्रस्तुत करते हुए आगे बताया कि,

29 जुलाई 2019 को आईसीआईसीआई बैंक, शाखा बालोद, खाता क्रमांक 328201000260 से 50,000/- (पचास हजार रुपये) “खिलावन चंद्राकर” की पत्नी कमलेश्वरी चंद्राकर के बैंक खाते में (MMT IMPS-920807710750) भुगतान किए जाने का प्रमाण

कुछ माह बाद “खिलावन चंद्राकर” ने बताया कि आपके लड़के की नौकरी पक्की हो गई है, ज्वाइंनिंग लेटर भी तैयार हो गया है, बाकी पैसा अधिकारियों को पेमेंट करना होगा” कहते हुए 7,00,000/- (सात लाख रुपये) की और मांग करने लगा। तब उसकी बातो से आश्वस्त पुनः आई.सी.आई.सी.आई. बैंक शाखा बालोद (छ.ग.) के खाते से 6,50,000/- (छः लाख पचास हजार रुपये) निकालकर अपने मित्र “ईश्वर साहू पिता रामरतन साहू” निवासी-ग्राम पाररास (बालोद) के समक्ष “खिलावन चंद्राकर” को डौंडीलोहारा बस स्टैण्ड, केशरिया होटल के पास नगद देने की बात बताया गया।

झूठे मामले में फंसा देने की देने लगा धमकी

रकम हाथ लगते ही “खिलावन चंद्राकर” ने कहा कि एक-दो दिन में आपके लड़के का ज्वाइंनिंग लेटर मिल जायेगा। कुछ सप्ताह इंतजार के बाद जब लड़के के नाम से कोई ज्वाइंनिंग लेटर नहीं आया, तब खिलावन से संपर्क करने पर वह गोलमोल जवाब देता रहा और यह भी कहा कि ज्वाईनिंग लेटर नहीं आयेगा तो तुम्हारा पूरा पैसा ब्याज सहित लौटा दूंगा” किंतु महीना बीत जाने के बाद भी कोई ज्वाइनिंग लेटर नहीं आया, तब मैंने “खिलावन चंद्राकर” पर रकम वापसी का दबाव बनाने लगा। दबाव बढ़ते देख वह कहने लगा कि “मैं कोई रकम वापस नहीं करूंगा, तुझे जो करना है कर ले, मैं मुख्यमंत्री का रिश्तेदार हूं, पुलिस, न्यायालय या कोई भी मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकता, दोबारा पैसा वापस मांगोगे तो झूठे मामले में फंसा दूंगा, पूरी जिंदगी जेल में सड़ते रहोगे” कहकर धमकी देने लगा।

क्रमशः …

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Dinesh Soni

जून 2006 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मेरे आवेदन के आधार पर समाचार पत्र "हाइवे क्राइम टाईम" के नाम से साप्ताहिक समाचार पत्र का शीर्षक आबंटित हुआ जिसे कालेज के सहपाठी एवं मुँहबोले छोटे भाई; अधिवक्ता (सह पत्रकार) भरत सोनी के सानिध्य में अपनी कलम में धार लाने की प्रयास में सफलता की ओर प्रयासरत रहा। अनेक कठिनाइयों के दौर से गुजरते हुए; सन 2012 में "राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा" और सन 2015 में "स्व. किशोरी मोहन त्रिपाठी स्मृति (रायगढ़) की ओर से सक्रिय पत्रकारिता के लिए सम्मानित किए जाने के बाद, सन 2016 में "लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल) की तरफ से निर्भीक पत्रकारिता के सम्मान से नवाजा जाना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्यजनक रहा।

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