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अद्भुत प्रसंग है ये। एक भाई साइकिल चला रहा है और एक भाई पीछे से अपनी बहन जो पति और मृत समाज से त्यक्त है, उसे पकड़े हुए है। यह बोझ ले जा रहे हैं, सिर्फ शव का नहीं, अपितु समाज का। इस समाज को तुरंत जलाने की जरूरत है। क्योंकि शव के सड़ने से ज्यादा घातक है इस समाज का सड़ जाना।

