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रायपुर में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी…!

ठग की मास्टर माइंड एक युवती पर गंभीर आरोप, 13 परिवार हुए आर्थिक शोषण के शिकार

रायपुर hct : छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की आस लगाए युवाओं और उनके परिजनों के साथ एक बड़ा छलावा सामने आया है। पुलिस भर्ती 2021 की वेटिंग सूची में नाम जुड़वाने के नाम पर रायपुर निवासी धानी वृत्तांत (उम्र लगभग 30 वर्ष) द्वारा लगभग 25 लाख रुपये की ठगी की गई है। यह रकम एक साथ नहीं, बल्कि चरणबद्ध तरीके से, एक सुनियोजित योजना के तहत, कई खातों के माध्यम से और नकद में एकत्र की गई।

कितनी चतुराई से की गई ठगी?

खुलासे में सामने आया है कि आरोपी ने खुद के नाम पर ₹7.5 लाख, जबकि अन्य तीन सहयोगियों के नाम पर –

  1. दरविन्दर सिंह (₹4.95 लाख)
  2. रीता बाई (₹6.5 लाख)
  3. अरुण कुमार सोनी (₹3.5 लाख)
    रकम ट्रांसफर करवाई। साथ ही ₹3 लाख नकद लिए गए।

ठगी की यह राशि 13 लोगों ने आपस में मिलकर दी थी, जिनमें अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवारों से क्रमशः – भवानी लाल, तरुण कुमार, जय प्रकाश पैकरा, गुलशन वर्मा, रामनिवास, हेमलता, प्रताप जायसवाल, दयाशंकर, पंकज कुमार, खुदानंद, अमरदास, खिरोद सिदार, अनिल कोसले के नाम इकरारनामा में उल्लेखित है।

लिखित ‘करार’ के बाद भी वादा नहीं निभाया

धानी वृत्तांत ने बाकायदा लिखित रूप में यह स्वीकार किया कि उसने उक्त धनराशि प्राप्त की है और यह वचन दिया कि वह 6 माह की अवधि (4 अप्रैल से 4 अक्टूबर 2022) के भीतर पूरा पैसा पीड़ित पक्ष को लौटा देगी।

पीड़ितों ने इस आश्वासन के आधार पर धैर्य बनाए रखा, किंतु समय सीमा बीत जाने के बाद भी ना कोई पैसा लौटा, ना ही संवाद हुआ।
जानकारी यह भी सामने आई है कि आरोपी महिला के इस पूरे कृत्य की जानकारी उसके परिजनों—दीपक घृतांत (उर्फ गोलू) और पूनम घृतांत को भी थी, जिससे यह पूरा मामला और भी अधिक संगीन बन जाता है।

पीड़ितों का कहना है — “अगर अब भी चुप रहे, तो औरों के साथ भी हो सकता है ऐसा”

पीड़ितों ने यह ठान लिया है कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे। वे इस प्रकरण को लेकर पुलिस, प्रशासन, और मीडिया तक पहुंच रहे हैं ताकि आरोपी को न्यायिक कठघरे में लाया जा सके।

कानूनी विशेषज्ञों का मत :

रायपुर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता के अनुसार, “यह स्पष्ट रूप से भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), और संभवतः संगठित अपराध से संबंधित अन्य धाराओं में अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में न केवल जेल की सजा बल्कि संपत्ति की जब्ती तक का प्रावधान होता है।”

सूत्रों की मानें तो पीड़ितों की संख्या और ठगी की राशि में बिग ब्लास्टिंग (चौकाने वाले तथ्य) उजागर हो सकते हैं, जिसका कि  हमारी टीम खुलासे में लगी हुई है और बेहद चौकाने वाले मामलों का खुलासा आपके समक्ष अतिशीघ्र किया जा सकता है। फ़िलहाल सामने आए पीड़ित पक्ष ने आरोपी को अंतिम चेतावनी दी है कि यदि वह निकट भविष्य में सार्वजनिक रूप से सामने आकर रकम लौटाने की प्रक्रिया नहीं अपनाती, तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खुलासा करेंगे, और साथ ही विधिक कार्रवाई तथा नाम उजागर करते हुए FIR दर्ज कराएंगे।

यह मामला छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले हजारों युवाओं के लिए एक चेतावनी है। नौकरी दिलाने के नाम पर निजी तौर पर किसी को पैसा देना न केवल अपराध को बढ़ावा देना है, बल्कि स्वयं के साथ अन्याय को बुलावा देना है।

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