छप्पर के नीचे शिक्षा, हर दिन जान का खतरा…!
मस्तूरी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय की नारकीय हालत, शिक्षक विहीन, भवन जर्जर, बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल

बिलासपुर hct : जिले के मस्तूरी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम उदयबंद का शासकीय प्राथमिक विद्यालय किसी स्कूल से ज्यादा एक उपेक्षित खंडहर की तस्वीर पेश करता है। 1972 में बने इस स्कूल भवन की हालत इतनी जर्जर है कि अब वह बच्चों के लिए पढ़ाई का नहीं, बल्कि दुर्घटना का केंद्र बनता जा रहा है।
भवन इतना जर्जर कि हादसे का इंतज़ार
विद्यालय की छत लोहे की पुरानी चादरों से बनी है जो अब पूरी तरह से जंग खा चुकी हैं। बरसात में छतें टपकती हैं, दीवारें दरक चुकी हैं और ज़मीन कच्ची है। बच्चों को कोनों में बैठाकर पढ़ाना पड़ता है, और हर दिन ये डर बना रहता है कि कहीं दीवार या छत गिर न जाए।
शिक्षक नहीं, शिक्षा व्यवस्था ठप
विद्यालय में नियुक्त शिक्षक या तो अनुपस्थित रहते हैं या संख्या इतनी कम है कि पढ़ाई नियमित हो ही नहीं पाती। बच्चों को घंटों इंतज़ार के बाद बगैर पढ़ाई के घर लौटना पड़ता है।
किचन शेड और मिड-डे मील की भी हालत खराब
मिड-डे मील योजना भी यहां मज़ाक बन चुकी है। किचन शेड अधूरा पड़ा है, और साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चों को या तो घर से खाना लाना पड़ता है, या फिर भूखे लौटना पड़ता है।
पालकों का विरोध, स्कूल का घेराव
ग्रामवासियों और पालकों ने जब बार-बार शिकायत के बावजूद शिक्षा विभाग और पंचायत से कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने विद्यालय का घेराव कर अपना विरोध दर्ज कराया। उनका कहना है कि अगर जल्द कोई समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

