ग्रामीणों की हुंकार : धनेली में अवैध कब्जों पर आर-पार की लड़ाई!
सरपंच और पंचों ने प्रशासन को चेताया, कहा - 'घासभूमि पर निर्माण तुरंत रुके'

बालोद/गुरुर: गुरुर विकासखंड की ग्राम पंचायत धनेली में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ ग्रामीण प्रतिनिधियों का आक्रोश अब चरम पर पहुँच गया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक घासभूमि पर हो रहे निरंतर कब्जों और अवैध निर्माण को लेकर राजस्व विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। इस गंभीर मसले पर सरपंच सहित कई पंचों और ग्रामीणों ने गुरुर अनुविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सरकारी जमीनों पर बेखौफ अतिक्रमण: प्रशासन पर उठे सवाल
एक ओर जहाँ गुरुर तहसील के भोथली, बोड़रा, सुर्रा और पलारी जैसे गाँवों में प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया है, वहीं दूसरी ओर धनेली सहित अन्य ग्राम पंचायतों में अतिक्रमण की प्रवृत्ति थमने का नाम नहीं ले रही है। ग्राम धनेली में तो स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अतिक्रमणकारी बिना किसी डर के सरकारी घासभूमि पर धड़ल्ले से मकान खड़े कर रहे हैं, जिससे प्रशासन की चुप्पी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पंचायत नियमों की अनदेखी, सार्वजनिक हित की भूमि भी चपेट में
स्थानीय निवासियों और पंचायत प्रतिनिधियों में इस बात को लेकर भारी रोष है कि ग्राम पंचायत के नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। खेल के मैदानों और वृक्षारोपण जैसे सार्वजनिक हित के लिए आरक्षित भूमि पर भी अवैध निर्माण जारी है। ग्रामीणों ने अब इस गंभीर स्थिति को लेकर राजस्व प्रशासन को स्पष्ट रूप से आगाह किया है।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि
ज्ञापन सौंपने वालों में सरपंच बालमुकुंद निषाद प्रमुख रूप से शामिल रहे। उनके साथ पंचों में एवन कलिहारी, तेजराम साहू, इंदल सिंह गंगबेर, मोहनी बाई, अनीता ठाकुर, भुनेश्वरी गुरूपंच, पुष्पा बाई, सतीश कुमार सोनवानी, मोहनलाल सार्वा, तोमीन बाई बनपेला, नंदनी निषाद, खोमन गंगबेर, अनाराम, रजनी बाई साहू आदि उपस्थित थे। इनके अलावा, ग्राम विकास समिति के सदस्य कोमल साहू, माधव राम, ईश्वर साहू, महावीर, चंद्रशेखर भी इस मुहिम में शामिल रहे।
ग्रामीणों की दो टूक चेतावनी: ‘कब्जे हटें, दोषियों पर हो कार्रवाई, वरना…’
ग्राम पंचायत धनेली के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो गाँव में कानून व्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक असर पड़ सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और अवैध कब्जों को हटाकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

