जस्ट डायल एप से ढूंढ़ा डाक्टर का नंबर, ठग से हो गया संपर्क; अपाइंटमेंट लेने में लग गई चपत
HighLights
- आनलाइन अपाइटमेंट लेने के फेर में फंसा पीड़ित।
- बेलबाग पुलिस में साइबर ठगी की शिकायत की।
- 10 रुपये का ई-पेमेंट कर प्रक्रिया के लिए लिंक भेजा।
जबलपुर (Jabalpur News)। जबलपुर के बेलबाग पुलिस के पास एक अजब शिकायत लेकर पीडि़त पहुंच। लाख समझाने के बाद भी अनजान लिंक को खोलकर विवरण भरा फिर सम्मिट कर दिया। अब बेलबाग पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच आरंभ कर दी है। चिकित्सक से जांच कराने के लिए एप से उनका नंबर ढूंढ़कर फोन लगाया था।
मोबाइल में जस्ट डायल एप डाउनलोड किया था
पूर्व बेलबाग घमापुर चौक निवासी मनीष कुमार जाट (44) को एक नगर के एक चिकित्सक से स्वास्थ्य जांच कराना था। उसने आनलाइन अपाटमेंट लेने का सोचा। चार मार्च को अपने मोबाइल फोन में जस्ट डायल एप डाउनलोड किया था। उसमें संबंधित चिकित्सक का फोन नंबर ढूंढा।
बर के साथ लाग इन कर अपाइटमेंट बुक किया
एप में अपने नंबर के साथ लाग इन कर अपाइटमेंट बुक किया। पांच मार्च को सुबह मनीष के पास एक फोन आया। उसने बताया कि उसके अपाटमेंट की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। क्लीनिक में अपाटमेंट के लिए उसे पहले स्लाट बुक करना पड़ेगा। 10 रुपये का ई-पेमेंट करना होगा और प्रक्रिया के लिए एक लिंक भेजा।
ज्वाइन अस आन द विक्सएप लिंक खोला और…
मनीष ने मोबाइल में भेजी गई ज्वाइन अस आन द विक्सएप लिंक को खोला तो उसमें एक आवेदन का प्रारुप था। इसमें नाम, फोन नंबर सहित कुछ विवरण भर दिया। फिर 10 रुपये का आनलाइन भुगतान किया तो वह नहीं हो रहा था।
स्क्रीन शाट भेजा और स्वयं ही क्लिनिक चला गया
आनलाइन भुगतान में तकनीकी समस्या पर मनीष ने फोन किया तो उसके द्वारा भरे गए विवरण का स्क्रीनशाट मांगा गया। उसने मोबाइल स्क्रीनशाट साझा कर दिया। उसके बाद भी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो पांच सितंबर को परेशान होकर स्वयं ही सीधे क्लिनिक चला गया। सामान्य तरीके से चिकित्सक से मिलकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। वहां किसी ने भी उससे आनलाइन अपाइटमेंट के बारे में कुछ नहीं पूछा।
सायं को बैंक से रुपये कटने का संदेश आया
दिन में चिकित्सक से जांच कराने के बाद वह सांय में ग्वारीघाट घूमने गया। उसने नाविक को मोबाइल वालेट से 80 रुपये भुगतान किया। रात में बैंक से मोबाइल संदेश आया, जिसमें 75 हजार 500 रुपये कटने की जानकारी थी। शेष मात्र 158 रुपये था। उसने तुरंत बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके आपत्ति दर्ज कराई। तब तक उसके खाते से 25 हजार 500 रुपये निकल चुके थे। शेष 50 हजार रुपये होल्ड कर दिए गए है।
जांच के बाद मामला पंजीबद्ध
पुलिस की जांच में मनीष को जिस नंबर से फोन आया था, वह अजित बर्नवाल नामक व्यक्ति के नाम पर होना पाया गया। अपाइटमेंट वाले चिकित्सक की क्लिनिक में संबंधित नाम का कोई कर्मचारी नहीं है। जांच में साइबर ठगी होने की बात सामने आयी है। पुलिस ने गुरुवार की देर रात मामले में धोखाधड़ी और आइटी एक्ट का मामला पंजीबद्ध किया है। आम लोगों से किसी भी अनजान नंबर से भेजे जाने वाली लिंक को ओपन नहीं करने के लिए सतर्क किया है।