इंदौर में फर्जी एडवाइजरी फर्म पर छापा, इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम पर हो रही ठगी
फर्जी एडवाइजरी फर्म के लोग निवेशकों का अकाउंट बना देते थे और एपीके फाइल के माध्यम से अकाउंट का नियंत्रण स्वयं ले लेते थे। ग्राफ के माध्यम से बढ़ी राशि दर्शाते और स्वयं खरीद-फरोख्त कर लोगों से करोड़ों रुपये ठग लेते थे।
HIGHLIGHTS
- पुलिस सेबी, आयकर और ईडी जैसी एजेंसियों की भी मदद ले रही है।
- पुलिस ने दफ्तर में छापा मारा तो 120 से ज्यादा युवक-युवतियां मिले।
- ये सभी आरोपित कॉल सेंटर की तर्ज पर ही निवेशकों को ठग रहे थे।
इंदौर (Indore News)। इंदौर की विजयनगर पुलिस ने फर्जी एडवाइजरी फर्म पर छापा मार कर संचालक चंदन पाटीदार और आरिफ खान को गिरफ्तार किया है। आरोपित इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से ग्राहकों का डेटा निकाल कर निवेशकों को ठगते थे। पुलिस सेबी, आयकर और ईडी जैसी जांच एजेंसियों की भी मदद ले रही है।
डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक फरियादी मंजीत जोगीराम शर्मा निवासी पिलनी कैथल (हरियाणा) की शिकायत पर फर्जी एडवाइजरी फर्म स्टार एल्गो रिसर्च के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस ने गुरुवार रात एमआर-9 स्थित चंद्रनगर में कंपनी के दफ्तर में छापा मारा तो 120 से ज्यादा युवक-युवतियां मिले।
डिजिटल मार्केटिंग करने वालों से खरीदते थे डेटा
आरोपित कॉल सेंटर की तर्ज पर निवेशकों को ठग रहे थे। पुलिस ने सभी के कथन लिए और संचालक चंदन व आरिफ को गिरफ्तारी कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया फर्जीवाड़े की नींव एल्गो ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर टिकी थी। डिजिटल मार्केटिंग करने वालों से डेटा खरीद कर कर्मचारियों से कॉल लगवाए जाते थे।
एसीपी कृष्ण लालचंदानी के मुताबिक आरोपित संगठित गिरोह की तर्ज पर अपराध कर रहे हैं। पुलिस को अभी तक 7 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल चुकी है। मामले में आयकर, सेबी और ईडी को भी सूचना भेजी जा रही है। साफ्टवेयर बनाने वाले दलाल और इंजीनियर भी जांच की जद में आ गए हैं। गिरोह से जुड़े कुछ लोग सीबीआइ के राडार पर भी हैं।
फर्जी एसएमएस से धोखाधड़ी
पुलिस को जानकारी मिली कि ज्यादातर एडवाइजरी फर्म संचालक अभिषेक और प्रियंक के संपर्क में हैं। लाखों रुपये में सॉफ्टवेयर खरीदते हैं। धोखाधड़ी के आरोपितों से जुड़े दोनों व्यक्ति फर्जी एसएमएस भी वायरल करवाकर ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हैं। एडनोमिस्ट और केप विजन नामक कंपनियां भी धोखाधड़ी में शामिल हैं।
नंबर भी ब्लॉक कर देते थे
फर्जी एडवाइजरी फर्म श्रीटेक इंटरप्राइजेस और जेआर एसोसिएट के संचालक सुशील पटेल और सचिन बिरला से एमआइजी पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपित सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट की सहायता से बनवाए अकाउंट ने आवेदक को फर्जी उतार चढ़ाव दिखाई देते थे। आखिर में आरोपित का अकाउंट डिलिट कर नंबर ब्लॉक कर देते थे।