Chhattisgarh
भ्रष्ट और फर्जी कारनामो के माहिर पी सी सिंग के कारण “सी एन आई चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया” खात्मे के कगार पर…?
रायपुर। कहने को तो वह समाज विशेष का प्रतिनिधि है पर उसके काले कारनामे ऐसे हैं कि समाज में उसके कथित काले कारनामो को लेकर विरोध जारी है …
यह महोदय वही है छत्तीसगढ़ डायोसिस में अपने चंद लोगों के माध्यम से काले कारनामो को अंजाम देने वाले मॉडरेटर पी.सी. सिंग। भ्रष्ट फर्जी काले कारनामे, सम्पत्ती हड़पने सहित कई गंभीर मामले के बोझ तले दबे सिंग के मॉडरेटर पद पर टिके रहने के कारण वर्तमान में सी एन आई चर्च ऑफ़ नार्थ खत्म होने के कगार पर है !
समाज विशेष की प्रतिष्ठा पर बट्टा लगाने वाले सिंग जैसे फर्जी व्यक्ति को आखिर क्यों और किस मजबूरी से वहां बिठाकर रखा गया है ? इस पर अब चर्चा तेज होने लगी है।
चर्चा है कि, जितने भी बिशप है उन्हें एकजुटता से सिंग जैसे विवादित व्यक्ति को तुरंत नहीं हटाया तो “सी एन आई चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया” हो सकती है।
सूत्रों की माने तो रुतबे, धन-वैभव और चाटुकार लोगो के बदौलत सिंग वही व्यक्ति है जिसने पुलिस में मामला दर्ज ना हो इसके लिए पूरा जोर लगा दिया था, आख़िरकार तीन महीने बाद इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो ही गया।
“फर्जी कारनामो का सरताज”
फर्जी नामांतरण से बिका बामनिया चर्च हॉस्टल के खिलाफ भोपाल डायोसिस सी एन आई ने केस तो लगाया पर लगातार अनुपस्थित रह कर केस हार भी गये जिस पर भी चर्चा के साथ सवाल उठते रहते है। कहा जाता है कि इसके आस-पास, इसके प्रभाव और धन से लालच करने वाले रहते है यह वही पी.सी. सिंग है जिसने कानून को ताक में रख फर्जीवाड़ा कर सफेदपोश बन लोगों को धोखा देने के अनेकों मामले सामने आता रहा है।
कथित रूप से पी सी सिंह नाम के व्यक्ति एवं उनके साथ देने वाले आधे दर्जन से अधिक लोगों द्वारा हालैंड यूनिवर्सिटी कॉलेज सोसायटी इलाहाबाद में फर्जी पदाधिकारी बन करोङो रूपये गबन किया गया, यही नही कूटरचित दस्तावेज बनाने के साथ फ़ीस अन्य मद भी समाहित कर डकारने का एक मामला भी सामने आया है जिस पर इलाहाबाद पुलिस में 1860 अधिनियम के तहत 419, 420, 467, 468, 471 धारा पर उक्त पी सी सिंह एवं एलवान मसीह सहित आधे दर्जन से अधिक व्यक्ति पर केस भी दर्ज किया गया है।

पी.सी. सिंग; 


