‘डिस्पोजल, पानी और चखना” के लिए अब नहीं पड़ेगा भटकना

सत्ता की चाह में कांग्रेस ने वैसे तो एक से बढ़कर एक घोषणा और वादे किए उन वादों/घोषणाओं में शराबबंदी के लिए “हाथ में गंगाजल लेकर” कसम खाने वाला घोषणा अब तक का सबसे ज्यादा चर्चित और विवादित रहा है। नवा छत्तीसगढ़ के गढ़ैया, भूपेश भैया के द्वारा छत्तीसगढ़ियावाद के नशा के सामने शराब का नशा काफूर होते नजर आ रहा है। पूरे पांच साल बीतने को है; चुनावी रणभेरी भी हो चुकी है, योद्धाओं के बीच जंग की तैयारी जोरो से जारी है, मगर शराबबंदी तो दूर शराबियों की मूल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (सरकार) की महत्वकांक्षी योजना रीपा के द्वारा उन्हीं के गृहनगर से मदिराप्रेमियों के लिए जुगाड़ की जबरा व्यवस्था ईजाद किए जाने की खबर; इन दिनों राजनीतिक गलियारे में परवान चढ़ते नजर आ रहा है।

शराबबंदी का वादा करने वाली सरकार अब महिलाओं से दारू का चखना बनवा रही है।

रायपुर hct : सरकारी योजनाओं का धनिया कैसे बोया जाता है इसे यदि देखना हो तो छत्तीसगढ़ सरकार की “महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) योजना” का बिंदास नमूना इसका उदहारण है। दुर्भाग्य है कि सरकार लघु उद्योग लगाने के नाम पर नमकीन और पानी पाउच खरीद कर उसकी रि-पैकिंग कर महिलाओं से चखना बिकवा रही है।

महात्मा गांधी के नाम पर शुरू हुई योजना में बिक रहा चखना

लगभग सप्ताह भर पहले भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया प्रदेश सह संयोजक और कृषि मंत्रालय भारत सरकार के सामान्य परिषद के पूर्व सदस्य मितुल कोठारी, भाजपा; पाटन उत्तर मंडल अध्यक्ष लोकमणि चंद्राकर और दुर्ग जिला पंचायत सदस्य हर्षा चंद्राकर ने मीडिया से मुखातिब होकर प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना “महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) योजना” में किए जा रहे फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि भूपेश सरकार, रीपा योजना के तहत पाटन क्षेत्र के स्व-सहायता समूह की महिलाओं से शराब दुकानों के पास बिकने वाले “चखना, डिस्पोजल और पानी पाउच” की रि-पैकिंग करवा उसे मदिराप्रेमियों को मुहैय्या करवा रही है।

चखना के इस कॉम्बो पैकेट में छत्तीसगढ़ शासन का बना हुआ है “लोगो” 

 

बता दें कि चखना के इस कॉम्बो पैकेट में छत्तीसगढ़ शासन का लोगो बना हुआ है। इसमें पानी पाउच और ग्लास को फ्री बताया गया है। इस पैकेट में महिला स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित होना भी लिखा हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि शराबियों के लिए लॉन्च किए गए इस पैकेट की कीमत 10 रुपये रखी गई है। हालांकि इसमें एमआरपी रेट का जिक्र कहीं नहीं है। भाजपा नेताओं ने कहा कि रीपा योजना में रोजगार मूलक इकाई से नवीन उत्पाद का निर्माण कर रोजगार बढ़ाने और आय सृजन का उद्देश्य है, लेकिन भूपेश सरकार 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर ग्लास, पानी पाउच और नमकीन बाजार से खरीदकर उसे पैक करके पाटन क्षेत्र की दुकानों में बिकवा रही है।

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