बच्ची से बलात्कार ‘आरोपी’ मंत्री लखमा का खासमखास’ : केदार कश्यप।

जब समूचा देश मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने को लेकर आवाज बुलंद किए हुए थे, उस वक्त सुकमा जिला के अंतर्गत ग्राम एर्राबोर स्थित शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय में पहली कक्षा में पढ़ने वाली मासूम नाबालिग बच्ची; आरोपी माड़वी हिडमा उर्फ राजू, उम्र 35 वर्ष के हवस का शिकार बन चुकी थी…
चूँकि मामला बस्तर के आदिवासी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है इसलिए राष्ट्रीय मीडिया तो क्या प्रादेशिक मीडिया की भी सुर्ख़ियों से लगभग नदारद है।

एर्राबोर (सुकमा) hct : जनवरी सन 2013 में छत्तीसगढ़ प्रदेश के उत्तर बस्तर में कांकेर ज़िला के झलियामारी गांव में शासकीय आवासीय कन्या आश्रम में दर्जन भर नाबालिग़ बच्चियों के बलात्कार का मामला तब उजागर हुआ जब बलात्कार की पीड़ा झेल रही एक बच्ची के अभिभावक ने कलेक्टर को पत्र लिख कर इस मामले की शिकायत की थी। इसके बाद जब जांच हुई तब पता चला कि इस सरकारी कन्या आश्रम के चौकीदार दीनानाथ नागेश और शिक्षाकर्मी मन्नूराम गोटा पिछले कई सालों से लड़कियों के साथ बलात्कार कर रहे थे।

‘बच्ची से बलात्कार करने वाला मंत्री कवासी लखमा का खासमखास’ : केदार कश्यप।

अब वही किस्सा फिर दोहराया गया इस बार भी बस्तर के ही सुकमा जिला अंतर्गत एर्राबोर थाना अंतर्गत पोटा केबिन के शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय में पहली कक्षा में पढ़ने वाली मासूम नाबालिग के साथ दुष्कर्म का प्रकरण सामने आया है। यहाँ भी आश्रम में कार्यरत महिला भृत्य के पति ही आरोपी निकला। मामले ने उतना ज्यादा मीडिया में अपना स्थान नहीं बना पाया क्योंकि आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी में मंत्री कवासी लखमा के करीबी होने की बात कही जा रही है। यह बात हम नहीं, बल्कि उसी भाजपा के शासन में मंत्री रहे केदार कश्यप कह रहे है।

फ़िलहाल बस्तर में घटी यह कोई पहली घटना नहीं है इसके पहले भी उपरोक्त घटना ऐसे ही मामले का गवाह है। खैर, पुलिस के मुताबिक “कथित घटना” 22 जुलाई की रात को हुई, जब छात्रा एर्राबोर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित छात्रावास में सो रही थी।

एर्राबोर में आवासीय पोटा केबिन में शनिवार की रात में पोटाकेबिन के अंदर प्रवेश कर आदिवासी छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। 22 जुलाई की रात पोटाकेबिन की सारी छात्राएं खाना खाने के बाद सोने चली गईं थीं, इसी बीच आधी रात को एक युवक किसी तरह से बालिकाओं के कमरे में घुस गया। यहां सो रही एक 6 साल की बच्ची के मुंह में हाथ रख उसे उठाकर ले गया था और आवासीय आश्रम के पास ही सूने स्थान पर उसके साथ बलात्कार किया। बच्ची जब चीखने-चिल्लाने लगी और अन्य छात्राएं उठीं तो युवक भाग निकला। इस बात की जानकारी अधीक्षिका को भी मिली थी।

ठीक ऐसी ही घटना गरियाबंद जिला के कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय में भी एक बच्ची की आत्महत्या से जुड़ा हुआ है जहाँ घटना में विद्यालय की तत्कालीन अधीक्षिका चंद्रप्रभा फुलझेले के रिश्तेदारों व जवान लड़के नंदू फुलझेले के छात्रावास में रात्रि के समय आने, रुकने, वही खाना खाने को लेकर भी सवाल उठा था मगर संदेही के पत्रकारिता में जुड़े होने से मामला को मिट्टीपलित किया जा चूका है।
हालांकि जिला प्रशासन द्वारा चंद्रप्रभा फुलझेले को निलंबित कर दिया गया रहा। साथ ही पुलिस ने इस मामले में धारा 306 की कार्यवाही की थी, जिस पर अधीक्षिका फुलझेले मैडम को जमानत मिलने की बात भी सामने आई, किन्तु …
पढ़ें खबर विस्तार से : https://highwaycrimetime.in/archives/4912

पोटा केबिन कर्मचारी का पति निकला आरोपी
अधीक्षिका के खिलाफ भी पाक्सो एक्ट के तहत FIR

जानकारी मिली है कि आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है जो पोटा केबिन में ही काम करने वाली भृत्य महिला का पति माड़वी हिड़मा है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि आवासीय विद्यालय की अधीक्षिका के खिलाफ भी पाक्सो एक्ट के तहत मामला कायम किया गया है। इधर, पोटा केबिन घटना की जानकारी उच्च कार्यालय को सूचना नहीं देने और लापरवाही बरतने को लेकर मंगलवार को अधीक्षिका हिना खान एवं सहायक अधीक्षिका सविता वर्मा को निलंबित कर दिया गया।

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