प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व गुरु बनते-बनते गुजरात का कसाई की उपाधि से नवाजे जा चुके हैं। वैसे मोदी जी को एक नहीं अनेक उपाधि मिल चुकी है bbc ने उन्हें “गोधरा नरसंहार का मास्टर माइंड” से तो the telegraph ने ‘गोधरा v/s मणिपुर हिंसा’ के बाद “आंसू बहाते घड़ियाल का दर्द” दर्शाया है; वहीं अब फ्रांस के अख़बार Le Monde ने उन्हें प्रायोजित हिंसा को बढ़ावा वाला गुजरात में हुए नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल होने का हवाला देते हुए “Butcher of Gujarat” की उपाधि से नवाजा है।
hct desk : यह तय हो चुका है कि मोदी का जलवा समाप्ति की ओर है। जहाँ बीबीसी ने गोधरा (गुजरात) काण्ड से जुड़े India: The Modi Question नामक 2 एपिसोड की एक डॉक्यूमेंट्री बनाकर भारतीय राजनीति में बवाल मचाकर सीधा-सीधा मोदी पर निशाना साध उसे उक्त “नरसंहार का मास्टर माइंड” बताया; वहीं कोलकाता से प्रकाशित होने वाला अंग्रेजी भाषा के एक समाचार पत्र the telegraph ने मणिपुर हिंसा से उपजे एक वीडियो वायरल होने के बाद मोदी की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप मुख पृष्ठ पर आंसू बहाते घड़ियाल के साथ लिखा है – it took 79 days for pain and shame pierce 56 inch skin (56 इंच की खाल को छेदने में दर्द और शर्म को 79 दिन लग गए!)
के साथ ही अब फ्रांस के एक अख़बार Le Monde ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए खबर के एक कॉलम में लिखा है – “मोदी, आज के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नेता, फिर भी एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने दशकों से राज्य प्रायोजित हिंसा को बढ़ावा दिया है। गुजरात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री 2002 में उस राज्य में हुए नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल थे, जिसमें लगभग 2,000 लोगों की मौत हुई थी। तब से, “गुजरात का कसाई“ उपनाम वाले इस व्यक्ति के करियर में….. ”
पाकिस्तान, भारत के बीच ‘आतंकवाद‘, ‘गुजरात नरसंहार’ जैसे शब्दों के साथ जुबानी जंग
सप्ताह की शुरुआत में न्यूयॉर्क में आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सत्र के बाद वॉकयुद्ध में, भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने पाकिस्तान पर “आतंकवाद का केंद्र” होने का आरोप लगाया। जवाब में, उनके समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत की तुलना में आतंकवाद के कारण कहीं अधिक लोगों की जान गंवाई है, जो दोनों देशों में मुसलमानों और आतंकवादियों को मिलाने की कोशिश कर रहा है।
बिलावल भुट्टो-जरदारी ने सुब्रमण्यम जयशंकर से कहा कि “अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन मर चुका है, लेकिन “गुजरात का कसाई” जीवित है, और वह भारत का प्रधान मंत्री है।”
भुट्टो-जरदारी मोदी का जिक्र कर रहे थे, जिन पर भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान लगभग 1,000 मुसलमानों की हत्याओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप था, जहां वह मुख्यमंत्री थे। इस टिप्पणी से भारत सरकार के अधिकारियों में आक्रोश फैल गया…
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह “पाकिस्तान के लिए भी नया निचला स्तर” है। 21 जुलाई की शाम को बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग दूतावास के सामने प्रदर्शन किया. और शनिवार को देशभर में रैलियों में उन्होंने पाकिस्तानी झंडा और भुट्टो-जरदारी का पुतला फूंका।

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