संचालनालय जनसम्पर्क की सहयोगी संस्थान “संवाद” की नीव ही भ्रष्टाचार की ईंट से रखी गई है। भाजपा शासनकाल से ही लाखों – करोड़ों का विज्ञापन घोटाला किया गया है और तभी से शासकीय विभागों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों / उपयोगिता से सम्बंधित आवश्यक वस्तुओं की खरीदी हेतु जारी निविदा के विज्ञापन में सांठगांठ कर अपने चहेतों को आबाद करने की योजना ने अनेक चाटुकारों / दरबारियों को फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया। अब जाकर इसकी पोल खुली है तो कांग्रेस पार्टी के ओहदेदार ख़ामोशी के चादर ओढ़ मलाई रोटी खाने में मशगूल हैं…
रायपुर hct : सरकार की सबसे सशक्त और बेहद संवेदनशील विभाग जनसम्पर्क की शाखा “छत्तीसगढ़ संवाद” का पंजीयन 19 अप्रैल 2001 को जिस उद्देश्यों एवं कार्यों की पूर्ति हेतु की गई थी, उसमे पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी अब उन उद्द्श्यों को भूलकर दुकानदारी और कमीशनखोरी में उतर आए हैं। देखिए कि संवाद का गठन किन उद्देश्यों एवं कार्यों को लेकर किया गया था और क्या होने के बजाय क्या हो रहा है …
वर्दी वाले पत्रकार के सांए में “संवाद” हीन क्रियाकलाप !
संचालनालय जनसम्पर्क मुख्यमंत्री का विशेष विभाग है; जहाँ निश्चित ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह सोंचकर कि कम से कम उनके अहम विभाग में कोई दाग न लगे, संभवतः इसी उद्देश्य से एक जिम्मेदार आईपीएस को इस विभाग में पैठ जमाए चोरो को पकड़ने उनकी नियुक्ति की गई हो, मगर यहाँ तो दीपक तले अँधेरा व्याप्त है और साहब कर्तव्यविमुख होकर कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारों को ही चोर समझ अंदर बाहर का खेला करे हैं। जबकि संवाद में वर्षों से जमे एक लेखाधिकारी शरद चंद्र पात्र जिनकी नियुक्ति ही संशय में है पूर्व सरकार के कार्यकाल से ही घोटालेबाजी के कृत्य को बेझिझक करते आ रहे हैं।
बता दें कि पूर्व मे भी ऐसे ही इवेंट कार्य मे हुए घोटाले का मामला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय मे आशीष देव सोनी की याचिका क्रमांक CRMP 734/2022 मे चल रहा है, उसके बावजूद CEO को गुमराह कर; संवाद के लेखा अधिकारी “शरद चंद्र पात्र” जो संवाद मे हुए हर घोटाले का मास्टर माइंड है; उसके द्वारा पुनः इस कार्य को बेख़ौफ़ अंजाम दिया जा रहा है।
अँधरा बांटे रेवड़ी चिन्ह चिन्ह के देवय
मामला दरअसल यह है कि; दिनांक 16/06/2023 को जारी एक “निविदा संशोधन सूचना” क्रमांक 752/छ.ग.सं/ प्रका/ 2023 में वृहद घपला घोटाले की आशंका में शंका की सुई वर्दी वाले पत्रकार की ओर अटक जाता है। संभवतः देश के इतिहास में और छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक पुलिस अफसर को सरकार के कामकाज की प्रचार – प्रसार से जुड़े विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ संवाद में 1997 बैच के एक आईपीएस दीपांशु काबरा को जनसम्पर्क विभाग का आयुक्त बना दिया गया है। लेफ्ट राइट करने वाले अधिकारी; जब किसी की शादी में डांस करता है तो वो लेफ्ट राइट ही करेगा न ? कहने का तात्पर्य यह कि एक आईएएस का काम यदि कोई आईपीएस से करवाएगा तब रेवड़ी तो बंटेगा ही।
संवाद में “चोर–पुलिस की आँख मिचौली” का खेला होबे!
निविदा संशोधन सूचना पत्र में अंकित कंडिका 2 के तहत नियम एवं शर्तों में जो संशोधन किया गया है उसमें संशोधन पूर्व नियम शर्तें एवं कार्य के तहत क्रमांक 1 में दर्शित EMD Rs. 5,00,000/- की रकम को संशोधित करते हुए EMD Rs. 3,00,000/- कर देना और क्रमांक 2 में दर्शित निविदा के बिन्दु 3 (2) में उल्लेखित नियम एवं शर्त “बोली लगाने वाले का औसत टर्नओवर रु.पिछले 3 वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23) के दौरान 5 करोड़ को संशोधन करते हुए “बोली लगाने वाले का औसत टर्नओवर रु. किन्हीं तीन पूर्ण वित्तीय के दौरान 3 करोड़ एफ.वी. से बाहर वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 ऑडिटेड बैलेंस शीट और लाभ एवं हानि खाता सी.ए. द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित होना चाहिए सीए प्रमाणित के साथ ऑनलाइन जमा किया जाना चाहिए वैध यूडीआईएन के साथ ट्यूमर प्रमाणपत्र” अनिवार्य किया गया है जो निश्चित ही कोई किसी अपने खासम खास को फायदा पहुँचाने का निहित स्वार्थ के चलते अथवा कमीशनखोरी की लालच में इस घोटाले को अंजाम दे रहा है।
उद्देश्य से भटके कागज में अटके
उपरोक्त जारी निविदा में टंकित शब्दों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि छत्तीसगढ़ संवाद द्वारा शासन के विभिन्न समारोह, गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का गुणवत्तापूर्ण ब्रांडिंग एवं सफल आयोजन हेतु इवेंट्स मैनेजमेंट कार्य से संबंधित सामग्रियों का उचित दर निर्धारण एवं योग्य व अनुभवी फर्मों का इम्पैनलमेंट हेतु आमंत्रित ऑनलाईन निविदा सूचना क 301 दिनांक 08 05 2023 के निविदा प्रारूप में निम्नानुसार संशोधन किया जाता है।
पहली और गौर फरमाने वाली बात यह कि सबसे पहले तो इवेंट्स/मैनेजमेंट के कार्य संवाद के बायलॉज में है ही नहीं, दूसरी यह कि सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ संवाद में “इम्पैनलमेंट” का कहीं कोई उल्लेख ही नहीं।
