हम बचपन से ही कई तरह की कहावतें सुनते आए हैं। इन्हीं कहावतों में एक कहावत है किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान। कई जगह इसे खुदा (अल्लाह) मेहरबान तो गधा पहलवान भी कहा जाता है। किस्मत की कारीगरी को दर्शाने वाली इस कहावत को आपने भी पढ़ा और सुना होगा और कई जगह तो आपने शायद कहा भी होगा, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस कहावत का गधे से कोई संबंध ही नहीं है, जी हाँ मेरे इस समाचार में जिस गधे की बात हो रही है वह गधा नहीं बल्कि गदा है।
दरअसल उक्त कहावत फारसी में है जहाँ गदा का अर्थ फकीर और या भिखारी से है। यानी अगर किस्मत मेहरबान तो हो फकीर भी पहलवान हो सकता है। कुछ ऐसे ही मामलात हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल में देखने को मिल ही जाता है।
रायपुर hct : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी के समय उनके रहम-ओ-करम पर पलने वाले कांग्रेस का एक अदना सा कार्यकर्त्ता सुरेश मसीह जो तत्कालीन समय में राजा तालाब रोड में किराए की जमीन पर ग्लोरियस रेस्टोरेंट का सञ्चालन करता रहा, उक्त जमीन को हथियाने का आरोप है और विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक सिविल लाइन थाना में अपराध पंजीबद्ध होने की जानकारी भी मिली है, जिसका भी अतिशीघ्र उजागर होना है। फिलवक्त वर्तमान में वहां पर एक बड़ा सा कॉम्प्लेक्स बन चुका है जहाँ नरेश मार्केटिंग नामक एक प्रतिष्ठान स्थापित है।
अरे, यहाँ तो हले लुइया हो गया …!
खानसामा बना संचालक
निजाम बदला और बरखुरदार की किस्मत में हुजूर-ए-आला की मेहरबानी हुई सो उसे चंगु मंगुओं के साथ छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल में सदस्यता मिल गई। मगर यह क्या ! यहाँ तो हले लुईया हो गया। जिस सुरेश मसीह को श्रम कल्याण मंडल में सदस्य मनोनीत किया गया था वह तो अध्यक्ष शफी अहमद और उपाध्यक्ष केशव बंटी हरमुख को भी पीछे छोड़कर स्वयंभू डायरेक्टर बन गया। आप इस बात की पुष्टि हेतु सीधे उनके facebook पर जाकर अवलोकन कर सकते हैं।
अवगत होंगे कि किसी भी मंडल अथवा आयोग में डायरेक्टर का पद होता है उस पर आईएएस की नियुक्ति होती है न कि होटल ढाबा चलाने वाले किसी खानसामा की।
जिधर बम उधर हम
बता दें कि फादर भूपेश बघेल के आते ही उनके चंगाई सभा का यह भक्त पहले डॉ० रमन सिंह के भी इर्द गिर्द चक्कर लगाया करता था और तो और यह महेश गागड़ा के भी करीबी लोगों में शामिल रहा है।

कहावतों की शुरुआत एक कहावत से हुई हो तो उसकी समाप्ति भी दूसरे कहावत से ही होनी चाहिए सो जिधर बम उधर हम वाली कहावत भी इसी महाशय पर फिट बैठता है। वैसे इस विभाग के मंत्री मा० शिव डहरिया है जिनसे उक्त सम्बन्ध में जानकारी हेतु उनके मोबाइल नम्बर 9425206389 पर जब फोन लगाया गया तो उनके पास फोन उठाने का समय ही नहीं। बता दें कि मान० मंत्री महोदय के विभाग में ही कोंडागांव के एक चतुर्थ श्रेणी के पद पर आसित व्यक्ति “दिनेश डे” से तगड़ी रकम लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी बनाए जाने की भी खबर (इस link में जाकर अवलोकन किया जा सकता है)पूर्व में हमारे द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है।

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